
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में से 2 नर चीते बड़े बाड़े में छोड़े जा चुके हैं. 6 चीते 61 दिन बाद भी छोटे बाड़ों से बड़े बाड़े में पहुंचने के इंतजार में हैं. चीता प्रोजेक्ट के लिए बनाई गई टास्क फोर्स समिति की 16 नवंबर को बैठक हुई.
इसमें अफसरों ने वन विभाग के नए अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया को चीता प्रोजेक्ट को लेकर प्रेजेंटेशन दिया. बैठक में 6 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
बताया गया है कि चीतों को छोड़ने के लिए विशेषज्ञों और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्थितियों का आंकलन और उचित अवसर के आधार पर निर्णय ले सकते हैं.
मप्र वन विभाग के पीसीसीएफ (Wild Life) जसवीर सिंह चौहान ने आजतक से बातचीत के दौरान बताया कि बैठक में चीता प्रोजेक्ट की गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई है. साथ ही नए एसीएस को प्रोजेक्ट से परिचय कराया गया.
साथ ही बैठक में बड़े बाड़े में बेहतर तरीके से सर्वाइव कर रहे दोनों चीतों की भी जानकारी दी गई. चौहान ने यह भी बताया कि शेष 6 चीतों को छोड़ने का निर्णय जमीनी स्थितियों के आधार पर लिया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए 8 चीते 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के 6 छोटे बाड़ों में छोड़े थे. इसके बाद क्वॉरंटीन अवधि भी पूरी हो गई. हालांकि, 5 नवंबर को 2 नर चीते बड़े बाड़े में छोड़ने के बाद बाकी 6 चीतों को लेकर मंथन चल रहा है.
उम्मीद थी कि बुधवार को आयोजित टास्क फोर्स की बैठक में इस पर कोई निर्णय होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. इस वजह से छोटे बाड़े में मौजूद 6 चीतों को बड़े बाड़े में जाने के लिए अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ेगा.
उधर, बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतों ने अब तक तीन शिकार किए हैं. इससे ये बात भी साफ हो गई है कि उन्हें कूनो का जंगल रास आ गया है.