
मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर में नकली नोट छापने और उन्हें विभिन्न राज्यों में प्रसारित करने वाले गिरोह के सरगना सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को ये जानकारी दी है. पत्रकारों से बात करते हुए इंदौर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आदित्य पाटले ने कहा कि आरोपियों की पहचान मनप्रीत सिंह विर्क, मलकीत सिंह विर्क, महिपाल बेदा, अनुराग सिंह चौहान और मोहसिन खान के रूप में हुई है.
किराए के फ्लैट में छप रहे थे नकली नोट
उन्होंने कहा, 'गिरोह का सरगना मनप्रीत सिंह विर्क महाराष्ट्र के नागपुर में रहता है. महाराष्ट्र के इस शहर में विर्क द्वारा किराए के एक फ्लैट में 200 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट छापे जा रहे थे.' उन्होंने बताया कि फ्लैट से कुछ ए-4 आकार के कागजों पर छपे नकली नोटों के अलावा विशेष स्याही, प्रिंटर और लेमिनेशन मशीन सहित नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए गए है.
20 लाख रुपये के नकली नोट बरामद
प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह ने 20 लाख रुपये से अधिक के नकली नोट छापकर इंदौर, मुंबई समेत अन्य शहरों में चलन के लिए भेजे थे.
पाटले के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्होंने टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखकर नकली नोट छापना सीखा था. उन्होंने बताया कि गिरोह के एक सदस्य को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था और पुलिस इस गिरोह के खिलाफ विस्तृत जांच कर रही थी.