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एमपी के इस शहर में शराब खरीदने के लिए रखी गई ये खास शर्त, जानिए इसकी वजह

आबकारी विभाग ने सड़क हादसों का ग्राफ कम करने के लिए अनोखी पहल शुरू की है. जबलपुर में शराब की दुकानों के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें लिखा है कि 'हेलमेट पहनना अनिवार्य है, हेलमेट नहीं तो, शराब नहीं.' राज्य सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाईकोर्ट के आदेश पर सख्ती बरत रही है.

शराब खरीदने के लिए पहनना होगा हेलमेट शराब खरीदने के लिए पहनना होगा हेलमेट
धीरज शाह
  • जबलपुर ,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

मध्य प्रदेश के जबलपुर में बिना हेलमेट के टू व्हीलर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाईकोर्ट के आदेश पर सख्ती बरत रही है. पुलिस द्वारा हेलमेट पहनने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आबकारी विभाग द्वारा दिए निर्देश के बाद शराब दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बाहर बैनर पोस्टर लगाया है, जिस पर लिखा है कि  'हेलमेट पहनना अनिवार्य है, हेलमेट नहीं तो, शराब नहीं.' 

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इस मामले पर आबकारी अधिकारी का कहना है कि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ होती है. जो लोग शराब पीकर वाहन चलाकर अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है. अब हेलमेट पहनने वाले ही दुकानों से शराब खरीद पाएंगे.

बता दें, 6 से 20 अक्टूबर तक हेलमेट की जांच के लिए पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जाएगा. आंकड़े बताते हैं कि एमपी में पिछले ढाई साल में सड़क दुर्घटनाओं में 30,262 लोगों ने जान गई. जिसमें 14,633 लोग तो के टू व्हीकर सवार थे.

एमपी High Court की जबलपुर बेंच के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने जारी आदेश में कहा है कि वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा. इसमें महिला, पुरुष या नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं. इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन सवार के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है.

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