
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बहरेटा सानी गांव के पास एयर फोर्स का फाइटर प्लेन क्रैश हो गया. हादसे से पहले दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हादसे के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें दिख रहा है कि पायलट फोन कर अपने साथियों को हादसे की जानकारी दे रहे हैं. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने तुरंत एक टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया है. हालांकि अब तक प्लेन क्रैश की वजह पता नहीं चल पाई है. हादसे में वायुसेना का मिराज-2000 ट्रेनर विमान क्रैश हुआ है.
रक्षा अधिकारी के मुताबिक ट्विन-सीटर मिराज 2000 नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हादसे का शिकार हुआ है. दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि विमान में तकनीकी खराबी की वजह से हादसा हुआ. अधिकारी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए हैं, हादसे की जांच चल रही है.
मिराज-2000 फाइटर प्लेन ने 2019 में बालाकोट हवाई हमलों समेत कई ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. एक ओर जहां भारतीय वायुसेना अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रही है, लेकिन पुराने लड़ाकू जेट और ट्रेनर विमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है.
2017 से 2022 तक वायुसेना के 34 प्लेन क्रैश हुए
रक्षा संबंधी स्थायी समिति की एक हालिया रिपोर्ट ने भारतीय वायुसेना में विमान दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 13वीं रक्षा योजना अवधि (2017-2022) के दौरान 34 विमान दुर्घटनाएं हुईं. रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में भारतीय वायुसेना के 8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए. जबकि 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए. 2019-20 और 2020-21 में दुर्घटनाओं की संख्या घटकर हर साल 3 रह गई, लेकिन 2021-22 में वायुसेना के 9 विमान क्रैश हुए. रिपोर्ट में इन 34 विमान हादसों को कैटेगराइज किया गया है. जिसमें कहा गया कि 19 घटनाएं विमान चालक दल की मानवीय भूल के कारण हुईं, जबकि 9 दुर्घटनाएं तकनीकी खराबी की वजह से हुईं.