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'अनारकली' के पीछे 'सलीम' दीवाना, MP के टाइगर रिजर्व में चल रही अनोखी प्रेम कहानी

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ के विश्वविख्यात टाइगर रिजर्व में अनारकली और सलीम की प्रेम कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है. अनारकली, टाइगर रिजर्व की हथिनी है, जबकि सलीम जंगली हाथी. अनारकली के प्यार में सलीम रिजर्व में आ जाता है और उसे जंगल ले जाता है. इससे टाइगर रिजर्व प्रबंधन परेशान है.

हाथियों का झुंड हाथियों का झुंड
aajtak.in
  • बांधवगढ़,
  • 01 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ के विश्वविख्यात टाइगर रिजर्व में इस समय एक अनोखी प्रेम कहानी चल रही है. इस कहानी के किरदार अनारकली और सलीम हैं. अनारकली, टाइगर रिजर्व की हथिनी है, जबकि सलीम जंगली हाथी. अनारकली के प्यार में सलीम रिजर्व में आ जाता है और उसे धकियाते हुए ले जाता है. इससे टाइगर रिजर्व प्रबंधन परेशान है.

अनारकली बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सबसे महत्वपूर्ण हथिनी है. अनारकली को पार्क प्रबंधन द्वारा 1978 में सोनपुर के मेले से खरीदकर बांधवगढ़ लाया गया था. अनारकली तब से लेकर आज तक टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग से लेकर रेस्क्यू के कई अभियानों में शामिल रही है. अब अनारकली की चर्चा जंगली हाथी सलीम से प्रेम कहानी की वजह से हो रही है.

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अगस्त 2018 से जंगली हाथियों के एक झुंड ने बांधवगढ़ में अपना रहवास बना लिया है. वहीं टाइगर रिजर्व में पहले से ही नर-मादा मिलाकर 14 पालतू हाथी मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल पेट्रोलिंग और रेस्क्यू के लिए किया जाता है. पार्क प्रबंधन के मुताबिक, जब कभी पालतू और जंगली हाथियों का आपस में सामना होता है तो दोनों में सामान्य व्यवहार होता है.

लेकिन बीते एक माह से एक जंगली नर हाथी (जिसे पार्क प्रबंधन ने सलीम का नाम दिया है) अनारकली के प्यार में डूबा हुआ है. सलीम, टाइगर रिजर्व के अंदर बने हाथी कैम्प तक आ जाता है और अनारकली को अपने साथ जंगल ले जाता है. यह घटनाक्रम कई बार हो चुका है. परेशान पार्क प्रबंधन जानकारी लगने पर अनारकली को ढूंढ़ते हैं और वापस कैम्प में लेकर आते हैं.

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बांधवगढ में जंगली हाथी सलीम पहली बार साल 2018 में आया लेकिन इसके पहले बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन द्वारा छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश के अनूपपुर और सीधी आ गये चार जंगली हाथियों को रेस्क्यू कर बांधवगढ़ लाया गया था और इन्हें लंबा प्रशिक्षण देकर पालतू बनाया गया और सरंक्षण के कार्यों में आज भी इस्तेमाल किया जाता है.

इनमें सीधी के जंगलों से लाई गई काजल, श्याम, लक्ष्मण और अनूप शामिल हैं. उसी के पीछे-पीछे जंगली हाथियों का दल अपने समूह को खोजते हुए यहां आ पहुंचा और अनुकूल वातावरण मिलने के चलते बांधवगढ़ को अपना स्थायी रहवास बना लिया. शुरुआती दौर में भी जंगली हाथियों के झुंड ने हाथी कैम्प में धावा बोल दिया था.

इसके बाद प्रबंधन ने कड़ी मशक्कत करते हुए आग और पटाखों के माध्यम से जंगली हाथियों को भगाया था. अब बांधवगढ़ को जंगली हाथियों ने अपने रहवास के रूप के चुन लिया है और 60 जंगली हाथियों के दल में से एक सलीम अपनी प्रेयसी अनारकली हथिनी के प्यार में पड़ गया है, जिससे टाइगर रिजर्व प्रबंधन परेशान है.

पार्क प्रबंधन के सामने अब अनारकली को सुरक्षित बचाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है. वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार मादा के प्रति नर का आकर्षण एक स्वाभाविक व्यवहार है.

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(रिपोर्ट- रविन्द्र शुक्ला)

 

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