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MP निकाय चुनाव में पहले चरण की वोटिंग आज, जानिए शिवराज-कमलनाथ पर क्यों टिकी सभी की निगाहें? 

सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ के लिए इस बार का निकाय चुनाव कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों ने निकाय चुनाव के लिए ताबड़तोड़ सभाएं और रोड शो किए. आज पहले चरण की वोटिंग होनी है लिहाजा देखना यह है कि निकाय चुनाव में किस चेहरे पर जनता अपना भरोसा जताती है.

वोटिंग के लिए कुल 19 हजार 977 मतदान केंद्र बनाए गए हैं (फाइल फोटो) वोटिंग के लिए कुल 19 हजार 977 मतदान केंद्र बनाए गए हैं (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:07 AM IST
  • दो चरणों में होने हैं निकाय चुनाव
  • 2015 में पिछली बार हुए थे चुनाव

कहने को तो निकाय चुनाव बेहद छोटे और सामान्य चुनाव माने जाते हैं लेकिन मध्यप्रदेश निकाय चुनाव सूबे की सियासत के 2 बड़े चेहरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं. यहां निकाय चुनाव के लिए 6 जुलाई यानी आज पहले चरण का मतदान है. 2 चरणों में हो रहे इस निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर है. दोनों ने ही इस चुनाव में अपनी धाक जमाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

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दरअसल मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं इसलिए इन निकाय चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है. इस चुनाव में ही शिवराज और कमलनाथ का राजनीतिक भविष्य छिपा हुआ है. जाहिर है इस चुनाव में हुई हार और जीत राजनीतिक दलों के लिए बेहद मायने रखती है.

बीजेपी जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस में कमलनाथ का फेस चल रहा है. ऐसे में हार या जीत का सबसे ज्यादा असर भी इन्हीं दो चेहरों पर पड़ना है. इससे पहले निकाय चुनाव साल 2015 में हुए थे, जिसमें सभी 16 निकायों में बीजेपी के मेयर चुने गए थे, लेकिन अब 7 साल के बाद हो रहे चुनाव में समीकरण काफी बदल गए हैं.

शहरों की स्थिति को लेकर लोगों में है नाराजगी

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वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह बताते हैं कि लड़ाई सीधे तौर पर शिवराज-कमलनाथ की है. निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं. शहरों की स्थितियों से लोग काफी नाराज हैं. अब देखना यह है कि इस नाराजगी का फायदा कांग्रेस कितना उठा पाती है. बड़ी चुनौती बीजेपी के सामने है क्योंकि उसे सभी 16 निकाय बचाने हैं. कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है लिहाजा छोटी सी छोटी जीत भी उसके लिए संजीवनी का काम करेगी.

वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने चुनौती इसलिए है क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखने के बाद सिर्फ 15 महीनों में उनकी सरकार गिर गई थी. उसके बाद हुए सभी उपचुनावों में कांग्रेस को आशातीत सफलता नहीं मिल सकी और कांग्रेस नेताओं ने दबी जुबान में इसके लिए नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया था.

पहले चरण में यहां डाले जाएंगे वोट

मध्यप्रदेश निकाय चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम पांच बजे थम गया. अब बुधवार को 133 नगरीय निकायों के लिए वोटिंग होगी. आज पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान है. पहले चरण में जिन 11 नगर निगमों के लिए चुनाव है, उसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली और सतना शामिल है. इसके अलावा 36 नगर पालिका के लिए भी पहले चरण में वोटिंग है. 

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13 जुलाई को दो चरण की वोटिंग

शहर सरकार के लिए होने जा रहे चुनाव में ईवीएम के जरिए वोटिंग होगी. वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. वहीं कटनी, रतलाम, देवास, रीवा, मुरैना में दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा.पहले चरण के चुनाव की मतगणना 17 जुलाई तो दूसरे चरण के चुनाव की मतगणना 18 जुलाई को होगी.

347 निकायों के लिए हो रहे हैं चुनाव 

मध्यप्रदेश में कुल 347 निकायों के लिए दो चरणों चुनाव में हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 378 नगरीय निकायों में से 321 का कार्यकाल पूरा हो चुका है. 57 निकायों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं नहीं हुआ है.

पहले चरण में 133 निकायों और दूसरे चरण में 214 निकायों के लिए मतदान होगा. 347 नगरीय निकायों में 6507 पार्षदों और 16 नगर निगमों में महापौर के लिए वोटिंग होगी.

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