
MP News: मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में एक तरफ जहां लड़ाई-झगड़े और डरा-धमकाकर नाम वापस लेने के आरोप-प्रत्यारोप के दावे किए जा रहे हैं, तो कुछ खबरें ऐसी भी आ रही हैं जहां आपसी सहमति से निर्विरोध चुनाव कराया जा रहा है. राजधानी भोपाल में जनपद सदस्य के तीन प्रत्याशियों ने ग्रामीणों के साथ मंदिर में बैठक की. पर्ची के माध्यम से एक व्यक्ति का नाम उठा और फिर बाकी दो लोगों ने अपना नामांकन वापस लेकर चुनाव को निर्विरोध कर दिया.
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन चरणों में होना है. पहले चरण के लिए नामांकन हो चुके हैं. शुक्रवार को नाम वापसी का आखिरी दिन था. इसी दौरान भोपाल की फंदा जनपद पंचायत के वार्ड नंबर 12 से बावड़िया गांव के लाल सिंह गुर्जर, जमुनिया गांव के नरेंद्र मीना और डंगरौली के राकेश मीणा मैदान में थे. चुनाव में जोर आजमाइश होती, इससे पहले ही तीनों गांव के लोगों ने मिसाल पेश कर गांव के मंदिर में पर्ची के माध्यम से आपसी सामंजस्य बनाकर जनपद सदस्य चुन लिया.
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नाम वापसी के अंतिम दिन तीनों उम्मीदवारों ने आपसी सहमति से बांसिया गांव के हनुमान मंदिर पर मीटिंग की. इसमें तीनों के नाम की पर्चियां डाली गईं. इसमें बावड़िया खुर्द निवासी लाल सिंह गुर्जर की पर्ची उठी. तीनों उम्मीदवारों ने समझदारी से निर्विरोध चुनाव कर दिया. इसी तरह भोपाल की फंदा जनपद पंचायत की आदमपुर छावनी पंचायत की महिला सरपंच कृष्णा रावत और सभी 20 महिला पंच भी निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी हैं, ऐसे में सीएम की घोषणा के अनुसार, आदमपुर छावनी पंचायत को 15 लाख रुपए मिलेंगे. मध्य प्रदेश में पहले चरण का मतदान 26 जून को, दूसरे चरण का मतदान एक जुलाई और तीसरे चरण का मतदान 8 जुलाई को होना है.
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जनपद प्रत्याशी नरेंद्र मीना ने कहा कि सभी ग्रामीणों और बुजुर्गों की मर्जी से फैसला लिया गया कि तीनों प्रत्याशियों की श्रीराम दरबार में पर्ची डाली जाए. पर्ची डालने के बाद एक कन्या से पर्ची उठवाई गई, जिसमें लाल सिंह गुर्जर के नाम की पर्ची उठी. हमने उनको निर्विरोध जनपद सदस्य बना लिया. इससे समाज, प्रदेश और पूरे देश को यह मैसेज जाता है कि यह सर्व सहमति से हो सकता है. चुनाव में भी ऐसा ही करना चाहिए.
जनपद प्रत्याशी राकेश मीणा ने कहा कि यह भगवान का फैसला है, मैंने और नरेंद्र मीना ने फैसले का सम्मान किया है. इस जनपद वार्ड के अंतर्गत आने वाले चारों पंचायतों के गांव के लोगों का कहना था कि अगर इस तरह से फैसला होता है तो इससे बड़ा प्रदेश और समाज के लिए कोई संदेश नहीं होगा. लाल सिंह गुर्जर ने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि हर जगह पंचायत जनपद में यही होना चाहिए, लड़ाई-झगड़े नहीं होने चाहिए.
(रिपोर्टः इजहार)