
मध्य प्रदेश के पांच जिलों के 19 पुलिस कांस्टेबल्स को अनुशासनहीनता के आरोपों में निलंबित कर दिया है. कांस्टेबलों के खिलाफ ये एक्शन पुलिस बैंड पार्टी में शामिल न होने के बाद लिया गया है. वहीं, अपने सस्पेंशन के आदेशों के खिलाफ कुछ पुलिस कर्मियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
आजतक से बात करते हुए मंदसौर एसपी अनुराग सुजानिया ने बताया कि जवानों को बैंड में भाग लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने आदेशों का पालन नहीं किया. आदेश को मानने पर इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
5 जिलों के 19 कांस्टेबल निलंबित
पूरे प्रदेश की अलग-अलग बटालियन में पुलिस बैंड की एक टीम बनाई गई थी. इनमें कांस्टेबल से लेकर एएसआई रैंक तक के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था. इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों को लिखित सहमति देनी थी, लेकिन कई कांस्टेबलों ने सहमति नहीं दी तो एक स्थानीय स्तर पर कांस्टेबलों की लिस्ट बनाई गई. पर ज्यादातर कांस्टेबलों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया. इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए एमपी के 5 जिलों रायसेन, मंदसौर, खंडवा, हरदा और सीधी के एसपी ने कुल 19 कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया.
HC ने खारिज की पुलिस कर्मियों की याचिका
इस बीच पांच कांस्टेबलों ने पीएचक्यू के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय ग्वालियर में याचिका दायर की. न्यायालय ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और अपने आदेश में बटालियन में पुलिस बैंड के महत्व को रेखांकित किया.