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उज्जैन: CM एकनाथ शिंदे के बेटे ने तोड़ा महाकाल मंदिर का नियम, परिवार के साथ गर्भगृह में की पूजा

उज्जैन के महाकाल मंदिर में एक बार फिर वीआईपी नियमों को ताक पर रखते नजर आए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र, सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपनी पत्नी के साथ गर्भगृह में प्रवेश किया, जहां आम भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित है. कांग्रेस ने इस पर तीखा विरोध जताते हुए भाजपा नेताओं पर सत्ता के मद में चूर होने का आरोप लगाया है.

सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश
संदीप कुलश्रेष्ठ
  • उज्जैन ,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

उज्जैन के महाकाल मंदिर में नियमों के उल्लंघन का एक और मामला सामने आया है. इस बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र और सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपनी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के साथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया, जो पिछले एक साल से आम भक्तों के लिए प्रतिबंधित है. यह घटना गुरुवार शाम की है, जब श्रीकांत शिंदे और उनका परिवार शिवलिंग के पास बैठकर पूजा करता हुआ देखा गया.

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कांग्रेस ने इस मामले पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सत्ता के मद में चूर भाजपा के नेता नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा, आम भक्तों को दूर से दर्शन करना पड़ता है, जबकि वीआईपी बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं. यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मंदिर की व्यवस्थाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है.

सीएम के बेटे ने तोड़ा महाकाल मंदिर का नियम

महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश का नियम शिवलिंग के संरक्षण और भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है. केवल पुजारी, अखाड़े के संत महंतों और कुछ चुनिंदा मंत्रियों को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति दी गई है. लेकिन वीआईपी द्वारा बार-बार इस नियम का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे मंदिर प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं.

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ये कोई पहली बार नहीं है जब मंदिर के नियम तोड़े गए हैं. बीते चार महीनों में ये चौथी बार यह स्थिति आई है, जब वीआईपी ने गर्भगृह में प्रवेश किया. हैरानी की बात यह है कि इन घटनाओं पर अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है. जिला कलेक्टर, जो मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं, हर बार यह कहकर बात टाल देते हैं कि मंदिर के प्रशासक इस मामले को देख रहे हैं. 

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महाकाल मंदिर में लगे कैमरों को भी इस तरह सेट किया गया है कि गर्भगृह में आने वाले व्यक्ति की पहचान मुश्किल हो जाती है. इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा किसके निर्देश पर किया गया है. कांग्रेस ने इसे एक बड़ी लापरवाही बताते हुए प्रशासन से पारदर्शिता की मांग की है.

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