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विवाह से पहले कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी है ये काम... MP के राज्यपाल ने दी सलाह

MP News: राज्यपाल पटेल सोमवार को शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में आयोजित सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर को संबोधित कर रहे थे.

 सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर में शामिल हुए राज्यपाल. सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर में शामिल हुए राज्यपाल.
aajtak.in
  • भोपाल ,
  • 30 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि स्वस्थ पीढ़ी के लिए विवाह पूर्व जन्म कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी सिकल सेल जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड का मिलान करना है, क्योंकि यदि सिकल सेल रोगी और वाहक आपस में विवाह करते हैं, तो निश्चित ही उनकी सन्तान सिकल सेल रोग से ग्रसित होगी. अगर पति-पत्नी दोनों इस रोग के वाहक हैं, तो भी उनकी भावी सन्तान सिकल सेल से प्रभावित होगी, इसकी ज्यादा संभावना रहती है. राज्यपाल ने सिकल सेल एनीमिया रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने और अपने घर का पका भोजन ही करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति अपनी दिनचर्या में नियमित पौष्टिक आहार, योग और व्यायाम को शामिल करें.

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राज्यपाल पटेल सोमवार को शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में आयोजित सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर को संबोधित कर रहे थे. जनजातीय कार्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्क्रीनिंग शिविर में जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे.

मंगूभाई पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम के लिए गर्भधारण के पूर्व और गर्भावस्था में भी मेडिकल काउंसलिंग बहुत जरूरी है. अब जन्म के 72 घंटों में सिकल सेल का पता लगने पर नवजात शिशुओं के विशेष उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं. राज्यपाल ने संबंधित विभागों को सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए लक्षित प्रत्येक व्यक्ति की अत्यंत गंभीरता से स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए. 

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सिकल सेल जागरूकता के लिए बेटियां आगे आएं

राज्यपाल पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मातृ-शक्ति का विशेष महत्व है. सिकल सेल उन्मूलन के लिए बेटियों का योगदान जरूरी है. उन्होंने कहा कि सिकल सेल जागरूकता के लिए बेटियां आगे आयें और अपने करीबियों, रिश्तेदारों व आस-पड़ौस के लोगों को इस रोग के बारे में बताएं और रक्त की जांच कराने को कहें. राज्यपाल ने उपस्थित जनों से अपील की कि सिकल सेल रोग के लक्षण, रोकथाम और उन्मूलन के प्रयासों में हर व्यक्ति सक्रिय योगदान करे. मानवता की सेवा के इस पुनीत कार्य के प्रति हमेशा संवेदनशील रहें. उन्होंने 2047 तक भारत को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त बनाने के संकल्प के लिए सामूहिक सहभागिता का आह्वान किया.     

इंतजाम करेंगे कि हर छात्रावास में एक नर्स हर महीने विद्यार्थियों की जांच करें

जनजातीय कार्य मंत्री शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के सिकल सेल उन्मूलन मिशन में राज्यपाल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.   शाह ने जनजातीय हितों के लिए राज्यपाल के मार्गदर्शन में राजभवन में स्थापित किए गए 'जनजातीय प्रकोष्ठ' की मुक्त-कंठ से सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल जनजातीय वर्ग के प्रति अत्यंत ही संवेदनशील हैं.  पटेल के प्रयासों से ही प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन का कार्य मिशन मोड पर तेजी से जारी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि प्रदेश के प्रत्येक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के सभी छात्रावासों में एक नर्स हर महीने जायेगी और छात्रावासी बच्चों के रक्त की जांच करेगी.

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72 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी

स्क्रीनिंग कैम्प में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की उप संचालक डॉ. रूबी खान ने स्क्रीनिंग शिविर के उद्देश्यों और सिकल सेल रोग के लक्षणों, रोग की पहचान, रोकथाम एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत अब तक प्रदेश में 72 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. मिशन के लक्ष्य के तहत एक करोड़ लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है. कार्यक्रम में कन्या महाविद्यालय छात्रावास की सिकल सेल एनीमिया पॉजिटिव छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए.

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