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MP: मां ने छोड़ी दुनिया तो 'मौसी' बाघिन ने दिया शावकों को सहारा

16 मार्च को संजय दुबरी नेशनल पार्क में रहने वाली बाघिन टी-18 की ट्रेन से टकराने से मौत हो गई थी. इसके बाद उसके 4 शावक अनाथ हो गए, जिनमें से एक को बाघ टी-26 ने मार डाला. बाकी बचे बाघों की सुरक्षा के चलते उन्हें बाघिन टी-28 के पास छोड़ा गया. बाघिन टी-28 मृत बहन के शावकों का अपने बच्चों के साथ-साथ पूरा ध्यान रख रही है और उन्हें शिकार की ट्रेनिंग भी दे रही है.

 शावकों को शिकार करने की ट्रेनिंग दे रही बाघिन (सांकेतिक तस्वीर) शावकों को शिकार करने की ट्रेनिंग दे रही बाघिन (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • सीधी,
  • 21 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST

मध्य प्रदेश के सीधी में स्थित संजय दुबरी नेशनल पार्क एंड टाइगर रिजर्व इन दिनों खूब चर्चा का केंद्र बना हुआ है. दरअसल, यहां बहन की मौत के बाद उसके बच्चों की देखभाल करने वाली बाघिन अब कुछ नया कर रही है. वह अपने शावकों के साथ-साथ बहन के शावकों को भी शिकार की ट्रेंनिंग दे रही है.

दरअसल, कुछ महीने पहले बाघिन टी-18 की ट्रेन से टकरा जाने से मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके चार शावक अनाथ हो गए थे. इनमें से भी एक शावक को बाघ ने मार डाला था. फिर उनकी मौसी यानि टी-28 बाघिन ने उन्हें सहारा दिया. अपने चार शावकों के साथ-साथ मृत बहन के शावकों का भी वह ध्यान रखने लगी.

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एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बाघिन टी-28 सभी शावकों को सीखा रही है कि जंगल में कैसे रहना है और किसी तरह शिकार करना है. ये सभी शावक एक दूसरे के साथ खेलते और शिकार का अभ्यास करते दिख जाते हैं. बाघिन टी-28 के खुद के चार शावक 9 महीने के हो गए हैं. जबकि, उसकी बहन टी-18 बाघिन के शावक 1 साल 1 महीने के हो गए हैं. जब बाघिन टी-28 ने उनकी देखभाल शुरू की थी, तो वे 9 महीने के थे.

संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर वाईपी सिंह ने बताया कि 16 मार्च को उन्हें खबर मिली थी कि रेलवे ट्रैक के पास एक बाघिन का शव पड़ा हुआ है. जांच में पता चला कि मरने वाली बाघिन टी-18 है. इसके बाद उसके चार शावक अनाथ हो गए. वहां मौजूद एक बाघ टी-26 ने उनमें से एक शावक को अपना शिकार बना डाला, जिससे टाइगर रिजर्व के लोग टेंशन में आ गए. शावकों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने वहां रह रही बाघिन टी-28 के पास शावकों को छोड़ने का निर्णय लिया और यह फैसला बिल्कुल सही रहा.

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कभी नहीं किया भेदभाव
बाघिन टी-28 ने चारों को शावकों को मां जैसा दुलार दिया. बिल्कुल वैसे ही पाला जैसे मां अपने बच्चों को पालती है. धीरे-धीरे उन्हें जंगल में कैसे रहना है, उसकी ट्रेनिंग देनी शुरू की. उसके खुद के भी चार शावक हैं. लेकिन बाघिन-टी28 ने कभी भी उनमें भेदभाव नहीं किया.

कमली ने दिया था दोनों बाघिन को जन्म
वाईपी सिंह ने बताया कि बाघिन टी-18 और बाघिन टी-28 की मां एक ही थी. दोनों की मां टी-11 बाघिन थी. लेकिन पहले प्रसव में टी-18 बाघिन का जन्म हुआ था. जबकि, टी-28 बाघिन का दूसरे प्रसव में जन्म हुआ था. टी-11 ने टी-28 के साथ-साथ टी-29 बाघिन को भी पैदा किया है. टी-11 इस टाइगर रिजर्व की काफी फेमस बाघिन थी. क्योंकि उसके सिर पर कमल जैसा निशान था. इसलिए उसका नाम कमली रखा गया था.

 

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