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MBA Paper Leak Case: इंदौर में कांग्रेस के आरोप- अक्षय कांति बम को बचा रही सरकार, तुरंत गिरफ्तारी हो

DAVV Paper Leak Case: देशभर की मीडिया की सुर्खियों में आए घटनाक्रम में अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को प्रक्रिया के अंतिम दिन इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया था. नतीजतन, कांग्रेस इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से ही बाहर हो गई थी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • इंदौर ,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के MBA पेपर लीक के सिलसिले में अक्षय कांति बम की गिरफ्तारी की मांग की है. Idyllic Institute of Management के एक कंप्यूटर ऑपरेटर और दो छात्रों को गिरफ्तार किए जाने के बाद कांग्रेस ने यह मांग उठाई है. इस इंस्टीट्यूट को अक्षय कांति बम की अध्यक्षता वाली एक कमेटी चलाती है. इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस रहे बम ने चुनाव के बीच अपना नामांकन वापस ले लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे.   

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इंदौर पुलिस के अनुसार, 25 मई को परीक्षा से पहले सोशल मीडिया पर 'Quantitative Techniques'  के पहले सेमेस्टर का पेपर प्रसारित करने के आरोप में दोनों को हिरासत में लिया गया था. डीएवीवी प्रशासन ने 12 जून को जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और अगले तीन साल तक इसे परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का भी फैसला किया.

इंदौर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता मृणाल पंत ने कहा, "MBA पेपर लीक मामले में डीएवीवी प्रशासन की यह कार्रवाई, जो हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती है, बेहद अपर्याप्त है. इस मामले में बम को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? क्या यह लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का इनाम है?" 

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पंत ने कहा कि डीएवीवी की कुलपति रेणु जैन और रजिस्ट्रार अजय वर्मा को भी उनके पदों से हटाया जाना चाहिए और एमबीए पेपर लीक मामले में उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए, क्योंकि पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करना उनकी जिम्मेदारी थी. 

देशभर की मीडिया की सुर्खियों में आए घटनाक्रम में अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को प्रक्रिया के अंतिम दिन इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया था. नतीजतन, कांग्रेस इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से ही बाहर हो गई. बम इसके तुरंत बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी ने रिकॉर्ड 11 लाख से अधिक मतों से सीट जीत ली. 

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