
मानव सेवा का दावा करने वाली एंबुलेंस खरबूजे की तस्करी में लिप्त पाई गई. आधुनिक जीवन रक्षक प्रणाली युक्त एंबुलेंस उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की बताई जा रही है. एंबुलेंस में खरबूजों को यूपी से छिपाकर मध्य प्रदेश के गुना लाया गया था. गुना की फ्रूट मंडी में एंबुलेंस से खरबूज निकाले जा रहे थे. तस्वीरें वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है. एम्बुलेंस को तिरपाल से ढंककर और नंबर प्लेट हटाकर इस कृत्य को छिपाने की कोशिश की गई थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार को गुना की निचला बाजार फ्रूट मंडी में यह एंबुलेंस देखी गई, जिसमें से खरबूज निकाले जा रहे थे. ड्राइवर से सवाल करने की कोशिश की गई, लेकिन वह जवाब देने से बचकर भाग गया. फ्रूट व्यापारी ने भी इस मामले से पल्ला झाड़ लिया.
स्थानीय निवासी सगीर खान ने बताया, "एंबुलेंस में खरबूजे भरे थे. बुरहानपुर का एक व्यापारी इसे लेकर आया था और फल विक्रेताओं को खरबूज बेच दिए. यह एंबुलेंस लगातार फल लेकर आती रहती है. इसमें कई लोगों की मिलीभगत है."
गुना के कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने कहा, "हमें इस एंबुलेंस के बारे में जानकारी मिली है. यह उत्तर प्रदेश से गुना कैसे पहुंची और इसमें खरबूज कैसे भरे गए, इसकी जांच की जा रही है. हमने उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया है."
वहीं, सूत्रों का कहना है कि यदि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह इस मामले की गहन जांच करें, तो बड़ा खुलासा हो सकता है. यह एम्बुलेंस उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की बताई जा रही है, जो आधुनिक जीवन रक्षक प्रणालियों से लैस होती है. लेकिन इसका उपयोग मरीजों की सेवा के बजाय तस्करी के लिए किया जाना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है. वायरल तस्वीरों में एम्बुलेंस को पीले तिरपाल से ढंका हुआ और नंबर प्लेट गायब दिखाया गया है. इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुपयोग और प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा किया है.