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घरों के अंदर बेडरूम तक पहुंचे उपद्रवियों के पत्थर... महू के पीड़ितों ने बयां किया हिंसा का खौफनाक मंजर, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Mhow Violence: इस घटना में राधे कौशल के घर पर हुए हमले में उनकी 80 वर्षीय मां घायल हो गईं, जबकि नीचे चल रही मेडिकल शॉप को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा करीब डेढ़ से दो घंटे तक चली, जिसमें गाड़ियों, दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया.

पत्थरबाज़ी से टूटे कांच. (घेरे में बेडरूम में पड़े हुए पत्थर) पत्थरबाज़ी से टूटे कांच. (घेरे में बेडरूम में पड़े हुए पत्थर)
रवीश पाल सिंह
  • महू (इंदौर),
  • 10 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद मनाए गए जश्न के दौरान मध्य प्रदेश के महू में भयानक हिंसा भड़की. कस्बे के पत्ती बाजार चौराहे पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की. इस घटना में राधे कौशल के घर पर हुए हमले में उनकी 80 वर्षीय मां घायल हो गईं, जबकि नीचे चल रही मेडिकल शॉप को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा करीब डेढ़ से दो घंटे तक चली, जिसमें गाड़ियों, दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया.
 
दरअसल, रविवार रात भारतीय टीम की जीत के बाद महू में तिरंगा यात्रा के रूप में एक रैली निकाली जा रही थी. स्थानीय दुकानदार राधे कौशल के अनुसार, रैली जब पत्ती बाजार के पास मस्जिद के नजदीक पहुंची, तो वहां 500-700 लोगों की भीड़ जमा हो गई. रैली के साथ विवाद के बाद पुलिस ने स्थिति को संभाला, लेकिन पुलिस के जाने के 10-15 मिनट बाद भीड़ ने फिर से हमला बोल दिया.

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उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया, जो राधे कौशल के घर तक पहुंच गया. उनके बेडरूम में बड़े-बड़े पत्थर गिरे, जिससे उनकी बुजुर्ग मां के घुटने में चोट लगी. 

राधे कौशल ने बताया, "पथराव डेढ़ से दो घंटे तक लगातार चला. घर में घुसने की कोशिश की गई, कपड़े जलाकर फेंके गए, नीचे की मेडिकल शॉप और गाड़ियों को जला दिया गया. इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं था." 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भीड़ आपत्तिजनक और भड़काऊ नारे लगा रही थी. धमाकों की आवाजें भी सुनाई दीं, जिससे परिवार में खौफ फैल गया.
 
अब महू के पत्ती बाजार चौराहे पर हिंसा के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. राधे कौशल के घर की बालकनी और बेडरूम में पत्थर बिखरे पड़े हैं. सामने के घर की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं, जबकि कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. एक लाल बाइक और अन्य वाहनों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की देरी से उपद्रवी बेखौफ हो गए. राधे की मां ने कहा, "मैं सो रही थी, तभी पत्थर मेरे पैर पर लगा. डेढ़ घंटे तक हम खौफ में रहे."

गंभीर आरोप और मांग
पीड़ित राधे कौशल ने आरोप लगाया कि भीड़ ने न केवल हिंसा की, बल्कि आपत्तिजनक नारे लगाकर माहौल को और भड़काया. उन्होंने कहा, "पिछले 40 सालों में ऐसा घृणित दंगा नहीं देखा. पहले भी दंगे होते थे, लेकिन अब हालात बदतर हो गए."

परिवार ने मांग की है कि उपद्रवियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए. राधे ने कहा, "घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. या तो हम मरेंगे, या मारेंगे. अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए."

पुलिस की गैर मौजूदगी पर सवाल
परिवार और स्थानीय लोगों का आरोप है कि डेढ़ से दो घंटे तक चले इस उपद्रव के दौरान पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. राधे ने बताया कि तीन-चार जवान मौजूद थे, लेकिन वे भी अपनी जान बचाने में लगे थे. उनकी ड्यूटी की गाड़ी तक जला दी गई. पुलिस की देरी ने हिंसा को बढ़ावा दिया, जिससे इलाके में नुकसान और डर का माहौल बन गया.

सोमवार सुबह सूरज उगने के साथ हिंसा के निशान सामने आए. टूटी खिड़कियां, जली गाड़ियां और बिखरे पत्थर इस रात की भयावहता को बयां कर रहे हैं. पुलिस ने अब इलाके में भारी बल तैनात किया है और जांच शुरू कर दी है. यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी चिंता का विषय बन गई है.

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राधे कौशल ने कहा, "यहां रहते हुए अगर हमारे साथ ऐसा हो सकता है, तो अब कुछ भी हो सकता है. पहले जैसा सामान्य जीवन अब संभव नहीं लगता." इस घटना ने परिवार में जीवन भर का खौफ पैदा कर दिया है. स्थानीय लोग अब सख्त कार्रवाई और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

 जामा मस्जिद से सटी बत्तख कॉलोनी में भी हुई आगजनी 
'आजतक' से बात करते हुए दूसरे समुदाय के लोगों ने बताया कि वो नमाज़ पढ़कर घर पहुंचे ही थे कि सैकड़ों की भीड़ नारे लगाते हुए मोहल्ले में आ गई और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी करने लगी. इसी दौरान एक दुकान और उसके बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई. इलाके में 15 दिन पहले जिस शख्स ने वॉशिंग मशीन और एसी रिपेयरिंग की दुकान खोली, उसमें तोड़फोड़ की गई, जबकि उसके बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई. इसके अलावा, इलाके की एक दुकान को भी आग के हवाले कर दिया गया है 

महू की बत्तख कॉलोनी में रहने वालों ने बताया कि उन्होंने भी भारत की जीत के लिए रोज़ा रखा था और दुआ भी पढ़ी थी. टीम इंडिया जीती तो वो भी बेहद खुश थे. लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर नहीं रही और यह उपद्रव हो गया.

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13 आरोपी गिरफ्तार
महू कस्बे में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाने वाली रैली पर पथराव के बाद हुई झड़पों के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रविवार देर रात हुई इस घटना में चार लोग घायल हो गए.

वहीं, पुलिस के अनुसार, इंदौर जिले में स्थित कस्बे के विभिन्न इलाकों में हिंसा की पांच घटनाएं हुईं और 3 कारों और कई दोपहिया वाहनों पर हमला कर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया.

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पुलिस ने महू कस्बे में आगजनी और हिंसा में शामिल होने के आरोप में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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