
मध्य प्रदेश के मुरैना में आज शनिवार को भारतीय वायु सेना के दो लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गए. इस घटना में एक पायलट की मौत हो गई है. घटना के चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने धमाके की आवाज सुनी, जब बाहर आकर देखा तो आग जैसा गोला जमीन पर गिर रहा था. उसके बाद दो लोगों को पास के घने जंगल में पैराशूट से उतरते देखा, जिन्हें बाद में IAF का हेलीकॉप्टर ग्वालियर ले गया.
बता दें कि भारतीय वायु सेना का एक सुखोई 30MKI और एक मिराज-2000 विमान सुबह नियमित प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें सुखोई-30MKI विमान के दो पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे. दोनों विमानों का मलबा जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ क्षेत्र में गिरा है, जबकि कुछ हिस्सा पड़ोसी राज्य राजस्थान के भरतपुर में भी गिरा.
इस हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि मौके पर पहुंचे लोगों ने दोनों पायलटों को झाड़ी से निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर जमीन पर लिटा दिया. इसके बाद वायुसेना का हेलिकॉप्टर आ गया और उन्हें इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया गया. दोनों विमानों ने ग्वालियर से नियमित प्रशिक्षण मिशन पर उड़ान भरी थी.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि दोनों विमानों का मलबा पहाड़गढ़ से करीब चार किलोमीटर दूर 500-800 मीटर के क्षेत्र में बिखरा पड़ा था और उसमें आग लग गई थी. आसपास के लोगों ने मिट्टी डालकर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की. घटना के बाद मौके पर 15 गांवों के करीब 1,500 लोग पहुंच गए.
गांव के सरपंच ने देखी घटना, बोले- पैराशूट से झाड़ियों में उतरे पायलट
पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने घटनास्थल पर मीडिया को बताया कि मैं यहां कुछ लोगों के साथ खड़ा था. हमने आसमान में जोरदार धमाके की आवाज सुनी. इसके बाद देखा कि आग जैसे गोले नीचे आ रहे हैं. इनमें कुछ जंगल के रास्ते में और कुछ दूसरी तरफ भरतपुर में गिरे हैं.
सरपंच ने कहा कि हमने देखा कि दो पैराशूट नीचे आ रहे हैं. हमने दोनों के उतरने का 15 से 20 मिनट तक इंतजार किया. दोनों पैराशूट झाड़ियों में गिर गए और दोनों पायलट को चोटें आईं. हमने उन्हें झाड़ियों से बाहर निकाला और जमीन पर लिटा दिया. कुछ देर में एक IAF का हेलीकॉप्टर आया और दोनों पायलटों को ग्वालियर ले गया.
मलबे के पास पड़ा था क्षत-विक्षत शव, चश्मदीद का दावा
सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने दावा किया कि मलबे के पास हाथ कटा हुआ एक क्षत-विक्षत शव मिला है. इसके बाद स्थानीय और भारतीय वायुसेना के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया. पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने बताया कि सुबह साढ़े दस बजे के करीब वह घटनास्थल के पास था. उसने एक विमान को आग की लपटों में घिरा देखा.
उन्होंने कहा कि करीब पांच किलोमीटर दूर एक जगह पर धुआं भी दिखा. इसके बाद मौके पर पहुंचे और मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की. वीरू ने कहा कि सरपंच ने घटना के बाद पुलिस और दमकल विभाग को घटना की जानकारी दी थी.
मिराज 2000 फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत
बता दें कि मिराज 2000 (Mirage 2000) फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत होती है. इस जेट की लंबाई 47.1 फीट होती है. विंगस्पैन 29.11 फीट होती है. ऊंचाई 17.1 फीट होती है. हथियारों और ईंधन के साथ इसका वजन 13,800 किलोग्राम हो जाता है. वैसे यह 7500 किलोग्राम वजन का है. 26 फरवरी 2019 को 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने ही पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त किया था.
72 फीट लंबा होता है सुखोई 30 विमान
वहीं सुखोई 30 की बात करें तो इसकी लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. इस इंजन और अपनी एयरोडायनेमिक बनावट की बदौलत फाइटर जेट 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी रेंज भी 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. यह करीब 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
(एजेंसी)