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MP: बीजेपी विधायक की फिल्म पठान को भारत में बैन करने की मांग, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को लिखा पत्र

अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने विरोध जताते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने फिल्म पर देश भर में इस पर रोक लगाये जाने की मांग की है.

बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने फिल्म बैन करने की मांग की बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने फिल्म बैन करने की मांग की
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:33 AM IST

शाहरुख खान-दीपिका पादुकोण की नई फिल्म पठान का विरोध मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ता जा रहा है. बीजेपी नेताओं, मंत्रियों, धर्मगुरुओं के बाद अब अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने विरोध जताते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने फिल्म पर देश भर में इस पर रोक लगाये जाने की मांग की है. 

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नारायण त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है, "हिन्दी फीचर फिल्म पठान में भगवा रंग को बेशर्म रंग गाया जाकर अत्यंत आपत्तिजनक सीन फिल्माये गये हैं. निश्चित ही फिल्म निर्माता के इस कुत्सित प्रयास से हमारे साधु-संत, महात्मा और भगवा वस्त्र धारण करने वाले हमारे आराध्य देवी देवताओं का अपमान हुआ है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता जानकी एवं लक्ष्मण जी ने भी वनवास काल में हमारी विंध्य धरा के चित्रकूट धाम में आकर केवल एक वल्कल भगवा रंग धारण किया था."

पठान फ़िल्म के प्रमोशन पर पूरे देश मे रोक लगाने की करी मांग, केंद्रीय सूचना एवं प्रशासन मंन्त्री @ianuragthakur को लिखा पत्र | pic.twitter.com/np9H08RzmU

— Narayan Tripathi (@NarayanMlaBjp) December 18, 2022

उन्होंने आगे लिखा कि हमारे विन्ध्य सहित संपूर्ण देश में भगवा रंग साधु-संतो, तपस्वियों, देवी-देवताओं व पूजा-पाठ के अवसरों पर सनातनियों द्वारा धारण किया जाता है. यही रंग सनातनियों के धर्म ध्वजा का भी प्रतीक है. इस तरह से लक्षित कर भगवा रंग का अपमान भारतीय संस्कृति का अपमान भी है, जो सभ्य समाज को स्वीकार्य नहीं है. फिल्म पठान में फिल्माये गये आपत्तिजनक व अपमानजनक दृश्यों को लेकर नाम हिन्दू व मुस्लिम संगठनों, संत-महात्माओं और सभ्य समाज के लोगों ने विरोध जताया है. 

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उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आपसे विनम्र आग्रह है कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के संज्ञान में लाकर एवं उन्हें निर्देशित कर इस फिल्म में से आपत्तिजनक दृश्यों, गीतों को हटाये जाने के निर्देश दें या फिर इस फिल्म के प्रसारण पर पूरे देश में रोक लगाने की कृपा करें ताकि देश में किसी की भावनाओं को आहत करने के जारी प्रयासों पर रोक लगे व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुॅचाने वाले ऐसे फिल्म निर्माताओं को भविष्य के लिये सीख मिल सके.' 

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