
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या के राम मंदिर रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं, जहां से वो शाम 4 बजे भोपाल लौट आएंगे. लेकिन इन दिनों वो अपने एक इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में हैं, जहां उन्होंने पटवारी भर्ती की जांच से रिपोर्ट से लेकर कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ के बीजेपी में शामिल होने के कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.
दरअसल, आजतक के सहयोगी लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपनी राजनीति में आने से लेकर मुख्यमंत्री बनने के पीछे की कहानी, महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार, उज्जैन जमीन घोटाला, पटवारी भर्ती की जांच रिपोर्ट, MPPSC एग्जाम डेट, शिक्षकों की सैलरी समेत कई मुद्दों से जुड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिया है.
सीएम ने अपनी राजनीति के शुरुआती बिंदु के सवाल पर जवाब देते हुए शालिग्राम तोमर का ज्रिक करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे जैसे कई लोगों के लिए मार्गदर्शक का काम किया है. हमने 84 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी का विरोध किया तो पुलिस ने हम ही लोगों पर मुकदमा लगा दिया. तब मैंने कहा कि मैं नगर मंत्री के पद से इस्तीफा दे देता हूं, क्योंकि इससे अपनी पार्टी बदनाम होगी तो उन्होंने कहा कि नहीं तुम अपनी जगह सही हो. मैं तुम्हारी जमानत की व्यवस्था करता हूं.
इस लिए लौटाया 2003 में विधायक का टिकट
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्हें कहा कि मैंने टिकट इस वजह से लौटाया कि मैं कभी अपने लिए किसी पद की मांग नहीं करता हूं, लेकिन ये बात भी सही है कि उमा भारती को उस वक्त मुझे से बहुत नाराजगी थी. उन्होंने मुझे डांट भी लगाई कि ये विधायक की टिकट लौटाना बच्चों का खेल है? लोग पार्षद की टिकट नहीं लौटाते हैं.
महाकाल कॉरिडोर उद्घाटन में इस लिए नहीं पहुंचे
महाकाल कॉरिडोर उद्घाटन में न जाने के सवाल का जवाब देते हुए मोहन यादव ने कहा कि देखिए आप जब बड़ा काम करते हैं तो आपको बड़ा मन रखना पड़ा है. मुझे पार्टी ने उस वक्त जिम्मेदारी दी थी, मैं वहां पहुंचा था और सभा स्थल में जहां कुर्सी दी थी मैं वहां बैठा था. उन्होंने अपने मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा पर बोलते हुए कहा कि मैं चर्चा का मुझे नहीं पता, पर मुझे जो काम दिया गया था मैं वो कर रहा था, जिस दिन मेरे नाम का ऐलान हुआ. उस दिन भी मैं लास्ट की पंक्ति में बैठा था. मेरे मन में ऐसा कोई भाव नहीं था. मुझे जो काम मिलता है वो करता हूं.
ऐसे पता चला कि मिल रही है प्रदेश की कमान
प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक का मुझे नहीं पता, वहां क्या हुआ. लेकिन में विधायक दल की बैठक ने अपने विधायक मित्रों के साथ बैठा हुआ. तभी अचानक ऐलान हुआ. और कुछ वक्त से मुझे विश्वास नहीं हो रहा था तो मैं खड़ा भी नहीं हुआ. लेकिन जब मंच से बोला कि आप को ही आना है. तब मैं मंच पर गया.
यहां देखें पूरा इंटरव्यू
मैं कमल पर ध्यान देता हूं कमलनाथ पर नहीं: सीएम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से जुड़े एक सवाल पर जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि मैं कमल पर ध्यान देता हूं, कमलनाथ पर नहीं. पीएम ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई काम किए हैं और इस बदलते दौर की हवा में कई बड़े-बड़े लोग बीजेपी में आएं है और आगे भी आते रहेंगे.
घर-घर जाकर नहीं दिखाएंगे जांच की कॉपी
पटवारी भर्ती की जांच के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए जांच को पूरा कर लिया गया है और समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन में जमा भी कर दी है. कोई भी वहां से ले सकता है, लेकिन हम किसी को घर-घर जाकर रिपोर्ट नहीं दिखाएंगे.