
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में 23 वर्षीय एक महिला की मौत को लेकर आदिवासियों का आंदोलन हिंसक हो गया. महिला की मौत को लेकर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया. भीड़ ने पुलिस चौकी पर जमकर पथराव किया जिसमें 6 पुलिस कर्मी घायल हो गए और 1 की मौत भी हुई है. पुलिस ने बुधवार रात आंसू गैस के गोले दागे और हवा में 50 गोलियां चलाईं. अधिकारियों ने ये जानकारी दी. फिलहाल क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है.
घटना महू कस्बे से करीब तीन किमी दूर बड़गोंडा थाने की है. थाना प्रभारी धर्मेंद्र ठाकुर ने बताया कि खरगोन निवासी महिला पिछले कुछ वर्षों से धामनोद में रहकर पढ़ाई कर रही थी. उन्होंने कहा, "गवली पलासिया गांव के रहने वाले यदुनंदन पाटीदार पिछले साल उसके संपर्क में आए और उसे अपने घर यहां (बडगोंडा) ले आए."
बुधवार शाम महिला की मौत हो गई. ठाकुर ने कहा कि जैसे ही उसकी मौत की खबर उसके माता-पिता तक पहुंची, वे और विभिन्न आदिवासी समूहों के सदस्य पुलिस थाने में एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम महिला के शव को सड़क पर रखकर यातायात बाधित कर दिया.
उन्होंने कहा, "उनमें से कुछ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिन्होंने हल्के लाठीचार्ज के साथ प्रतिक्रिया दी. हालांकि, जैसे ही भीड़ उग्र हुई, पुलिस ने हवा में लगभग एक दर्जन राउंड गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े." ठाकुर ने कहा कि इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और स्थिति सामान्य हो रही है.