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MP: नवभारत प्रेस के डायरेक्टर के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, लोन की राशि को दूसरे बैंक खातों में डायवर्ट करने का है आरोप

ED की जांच के दौरान पाया गया कि माहेश्वरी परिवार ने कॉर्पोरेट संस्थाओं का उपयोग करके तमाम कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत देनदारियों को निपटाने के उद्देश्य से ऋण राशि को डायवर्ट किया और इस प्रकार वितरित ऋण का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 15.67 करोड़ रुपए का चूना लगा और ऋण खाता एनपीए हो गया.

(फाइल फोटो) (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल ,
  • 26 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

MP News: राजधानी भोपाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नवभारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई की है. ED ने बृज माहेश्वरी और अन्य के खिलाफ 22 मार्च, 2025 को विशेष न्यायालय (PMLA), भोपाल में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (PC) दायर की, जिसका कोर्ट ने उसी दिन संज्ञान लिया. आरोप है कि प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी खरीद के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लिए गए लोन की राशि को गलत तरीके से डायवर्ट किया गया, जिससे बैंक को 15.67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

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ED ने मंगलवार रात जारी बयान में बताया कि जांच सीबीआई, SPE, BS और FC, नई दिल्ली द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की तमाम धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र पर आधारित है. 

जांच में खुलासा हुआ कि मेसर्स नवभारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमीत माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से 2004 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की गौतम नगर शाखा से लोन लिया था. यह राशि प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनों की खरीद के लिए स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसे NB ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के नाम पर बने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.

ED की जांच से पता चला कि माहेश्वरी परिवार ने कॉर्पोरेट संस्थाओं का दुरुपयोग करते हुए लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट देनदारियों को चुकाने के लिए डायवर्ट किया. इस अनियमितता के चलते बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 15.67 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और लोन खाता गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में बदल गया.

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इससे पहले, ED ने 30 मार्च 2024 को अस्थायी कुर्की आदेश (PAO) के तहत मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित 2.36 करोड़ रुपये की 10 अचल संपत्तियों को कुर्क किया था. इस कुर्की को PMLA की अधिनिर्णय प्राधिकरण, नई दिल्ली ने 10 सितंबर 2024 को अपने आदेश से पुष्टि की थी. ED ने कहा कि यह कार्रवाई बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कदमों का हिस्सा है. मामले में आगे की जांच जारी है.

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