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महंगे शौक ने बैंक के Ex ऑफिसर को बनाया ठग, मास्क से मुंह छिपाकर कर दिया बड़ा फर्जीवाड़ा

MP News: राजधानी भोपाल में एक बैंक के पूर्व बिजनेस डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव ऑफिसर को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है. कोरोनाकाल में नौकरी जाने और महंगे शौक के चलते आरोपी ने 30 लाख का फजीवाड़ा किया था.

30 लाख के घोटाले के आरोपी गिरफ्तार. (सांकेतिक तस्वीर) 30 लाख के घोटाले के आरोपी गिरफ्तार. (सांकेतिक तस्वीर)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक प्राइवेट बैंक के पूर्व बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव अधिकारी सुरेंद्र बुंदेला को करीब 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी में मामले में गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पहले तो फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक बैंक खाताधारी की एफडी हड़प ली और उसके बाद एक अन्य बैंक से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अकाउंट खोलकर 19 लाख 85 हजार 82 रुपये का लोन ले लिया. 

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एमपी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने Aajtak को बताया कि भोपाल के खानूगांव में रहने वाले शब्बीर हसन ने एक शिकायत दी है. इसके मुताबिक फरियादी ने इंडसइंड बैंक की एमपी नगर शाखा में 4 दिसंबर 2004 को 3 लाख 18 हजार 116 रुपए की एफडीआर कराई थी. अक्टूबर 2021 में शब्बीर हसन को पैसे की ज़रूरत थी. लिहाज़ा जब उसने बैंक से संपर्क किया तो उसे बताया गया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी एफडीआर को जालसाजीपूर्वक तोड़कर पैसे हड़प लिए गए हैं. 

पुलिस ने मामले की जांच की तो पाया कि आरोपी सुरेन्द्र बुंदेला नाम के व्यक्ति ने नकली दस्तावेज तैयार कर फरियादी शब्बीर हसन की इंडसइंड बैंक की एफडी के  9 लाख 54 हजार रुपए को तुड़वाकर और उन्हीं दस्तावेजों का उपयोग कर HDFC बैंक से 19 लाख 85 हजार 082 रुपए का लोन लिया है. पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू की और इंडसइंड बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बैंक के पूर्व कर्मचारी सुरेन्द्र सिंह बुंदेला को पुलिस ने बुलाकर पूछताछ की, तब उसने अपना अपराध स्वीकार किया. 

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फेस मास्क पहनकर बैंक स्टाफ से छिपाई पहचान

पूछताछ के दौरान आरोपी सुरेंद्र बुंदेला ने पुलिस को बताया कि वह इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेव्हलपमेंट एक्सीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्य करता था. आरोपी ने इंडसइंड बैंक में सालों पुरानी फरियादी शब्बीर हसन की एफ.डी.आर. को देखा, जिसमें करीब 9 लाख रुपए से ज्यादा की रकम जमा थी. 

कृष्ण पाल का फोटो, शब्बीर के दस्तावेज

इसके बाद सुरेंद्र बुंदेला ने पुराने बैंक के कस्टरम कृष्ण पाल सिंह तोमर की फोटो निकाली. फिर उसे शब्बीर के दस्तावेजों (आधार कार्ड , पेन कार्ड और अन्य दस्तावेज) को एडिट कर कृष्णपाल सिंह तोमर की फोटो लगा दी. इसी बीच, एक दिन कोरोनाकाल का फायदा उठाकर आरोपी बैंक पहुंचा. बैंक जाकर फेस मास्क पहना ताकि कोई उसे पहचान न सके. फिर उसने इन्हीं फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर एच.डी.एफ.सी. बैंक शाखा मंडीदीप में अकाउंट खुलवाया और 9 लाख 54 हजार 379 रुपए की इंडसइंड बैंक की शब्बीर हसन की एफ.डी.आर. को तुड़वा लिया.  उसके बाद फर्जी बैंक अकाउंट से 19 लाख 85 हजार 082 रुपए लोन भी उठा लिया.

एचडीएफसी बैंक से कैश निकालने के लिए सुरेंद्र ने सोशल मीडिया से शब्बीर हसन के बेटे जुनैद हसन के नाम की फर्जी आईडी दिखाई. फिर पिता की बीमारी का बहाना बनाकर खुद ही चेक क्लियर करवा लिया. 

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गंवा बैठा पूरी रकम

थाना प्रभारी सुधीर अर्जरिया ने बताया कि आरोपी ने भोपाल के प्रतिष्ठित कॉलेज से एम.बी.ए. किया है और पहले एक्सिस बैंक में 80 हजार रुपए प्रतिमाह की तनख्वाह पर काम करता था. लेकिन कोरोनाकाल में नौकरी चले जाने के कारण बाद आरोपी ने इंडसइंड बैंक में 30 हजार रुपए की सैलरी पर जॉइन किया, लेकिन आरोपी का रहन सहन और खर्चे काफी बढ़े हुए थे, जिसके कारण उसका गुजारा मुश्किल हो रहा था, तब उसके दिमाग में इस तरह का अपराध का खयाल आया और उसने एक एफडी करीब 9.50 लाख रुपए की तुड़वाकर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाये गए खाते से करीब 20 लाख रुपए का लोन लिया और पूरा पैसा शेयर बाजार में लगाकर उसे गवां बैठा. फिलहाल इस मामले में इंडसइंड बैंक के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. 
 

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