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1200 रुपये दाम और 'नूरजहां' है नाम... दुर्लभ आम के बचे सिर्फ 10 पेड़, MP सरकार चिंतित

MP News: अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है, जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है. साथ ही बाजार में कीमत 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक होती है. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • अलीराजपुर ,
  • 17 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

MP News: अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र के दुर्लभ 'नूरजहां' आम के गिने-चुने पेड़ बचे हैं. इससे चिंतित अधिकारी अब आम की इस खास प्रजाति को आने वाली पीढ़ियों के वास्ते बचाने के लिए इसके पेड़ों की तादाद बढ़ाने के वैज्ञानिक प्रयास करने में जुट गए हैं. 

अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है, जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है. साथ ही बाजार में कीमत 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक होती है. 

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इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने यहां बागवानी विभाग की एक बैठक के दौरान कहा, अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में नूरजहां के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक प्रयास तेज किए जाने चाहिए. 

उन्होंने अलीराजपुर जिले में आम के पेड़ों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए वन विभाग को टिश्यू कल्चर की मदद से नूरजहां के नये पौधे तैयार करने के निर्देश दिए. 

अलीराजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. आरके यादव ने बताया, नूरजहां आम के केवल 10 फल देने वाले पेड़ बचे हैं. हमने हार नहीं मानी है. हम अगले पांच वर्षों में पौधारोपण कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. हम इस प्रजाति को विलुप्त नहीं होने देंगे. 

उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले नूरजहां आम का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम तक होता था, जो अब घटकर 3.5 से 3.8 किलोग्राम के बीच रह गया है.

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नूरजहां के तीन पेड़ों के मालिक और आम उत्पादक शिवराज सिंह जाधव ने बताया, इस बार पैदावार कम है. मेरे तीन पेड़ों से केवल 20 आम निकले. बेमौसम बारिश और तूफ़ान से पैदावार पर बुरा असर पड़ा है. 

उन्होंने कहा कि उनके बगीचे में पिछले साल सबसे भारी 3.8 किलोग्राम की नूरजहां पैदा हुए थे, जिससे उन्हें 2,000 रुपये मिले थे. किसान जाधव ने कहा, नूरजहां किस्म के पेड़ जनवरी में बौर आने शुरू हो जाते हैं और आम जून में पकने के बाद आम बाजार में बिक्री के लिए आते हैं. 

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