
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है. यात्रा के हिंदी पट्टी में पहुंचने पर प्रियंका गांधी और सचिन पायलट समेत कई नेता शामिल हुए. प्रियंका के साथ पायलट के पहुंचते ही अशोक गहलोत ने उन्हें 'गद्दार' करार दिया, जिसने राजस्थान की राजनीति गरमा दी है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी रहे नरेंद्र सलूजा आज बीजेपी में शामिल हो गए.
कमलनाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा को हाल ही में पद से हटाया गया था. ये पूरा मामला इंदौर के खालसा कॉलेज में गुरु नानक जयंती के अवसर पर कमलनाथ के जाने का है, जिसको लेकर वहां विवाद हुआ था. उसके बाद इंदौर के रहने वाले नरेंद्र सलूजा को उनके पद से मुक्त कर दिया गया था. नरेंद्र सलूजा को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कार्यालय में बीजेपी की सदस्यता दिलाई. सलूजा को कमलनाथ के करीबी नेताओं में गिना जाता था.
सलूजा ने बोला कमलनाथ पर हमला
बीजेपी में शामिल होते ही नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जबसे मैं उनसे जुड़ा हूं, कई लोगों ने कहा कि 84 के दंगों में उनका नाम है, लेकिन मैंने इग्नोर किया. लेकिन इंदौर के खालसा स्टेडियम वाले कार्यक्रम में कीर्तन मंडली ने जो शब्द कहे, वो मेरे कानों में गूंजते रहे. उन्होंने मेरी आत्मा को झकझोर दिया. मैंने उस दिन के बाद कमलनाथ जी के साथ काम नहीं किया.
सलूजा ने कहा कि जब भारत जोड़ो यात्रा इंदौर आएगी तो सिख समाज उसका विरोध करेगा. कमलनाथ के खिलाफ जब तक कांग्रेस कार्रवाई नहीं करेगी यह विरोध जारी रहेगा. वहीं इसको लेकर अब कांग्रेस की ओर से बयान जारी किया गया है.
कांग्रेस की ओर से जारी किया गया बयान
कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि नरेंद्र सलूजा को 13 नवंबर 2022 को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया जा चुका है. कुछ मीडिया संस्थानों में इस तरह की खबर चल रही है कि नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी जॉइन कर ली है. यह गलत है, उन्हें पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से निकाल दिया गया.
मीडिया विभाग ओर से जारी बयान में कहा गया कि सलूजा लगातार दूसरी पार्टी के संपर्क में थे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. उनकी इन गतिविधियों की सूचना मिलते ही निष्कासित कर दिया गया था. कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करना चाहती है कि पार्टी में प्रतिबद्ध और अनुशासित कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान है, लेकिन अनुशासनहीनता और गद्दारी करने वाले व्यक्तियों के लिए कांग्रेस पार्टी में कोई जगह नहीं है. पार्टी से निकाले गए गद्दार वहां जा सकते हैं? जहां जाने के बाद सार्वजनिक मंच से उन्हें विभीषण कहा जाता है.
क्या था पूरा मामला?
इंदौर के खालसा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ को सम्मानित किया गया था. वहीं कार्यक्रम में मौजूद कीर्तन गायक मनप्रीत सिंह कानपुरी ने कमलनाथ के जाते ही 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए आयोजकों को जमकर फटकार लगाई. हालांकि इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर कमलनाथ के नाम का जिक्र नहीं किया.
वहीं इस घटना के बाद सिख समाज के लोगों ने खालसा स्टेडियम की धरती का दूध और अमृतसर के पवित्र जल से शुद्धिकरण किया. इसके बाद उन्होंने कमलनाथ का बैनर-पोस्टर लगाकर नेवर फॉरगेट 1984 का बैनर लगाकर उनको फांसी देने की मांग की. उनके खिलाफ नारे भी लगाए.
एमपी में चल रही है कांग्रेस की यात्रा
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में चल रही है. बुधवार को ये यात्रा एमपी के बुरहानपुर में पहुंची थी. हिंदी पट्टी के इस राज्य में कांग्रेस की यात्रा 16 दिन तक चलेगी. कांग्रेस की यात्रा एमपी के 7 जिलों में 380 किमी की दूरी कवर करेगी. यहां से यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी. दोनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में इन राज्यों के लिए ये यात्रा अहम मानी जा रही है. उनके साथ गुरुवार को यात्रा में प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और सचिन पायलट शामिल हुए थे.