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MP: इस्लाम छोड़ शेख जफर ने अपनाया सनातन धर्म, जानें हिंदू बनकर क्या मिला नया नाम

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले (MP Mandsaur) में एक मुस्लिम शख्स ने सनातन धर्म स्वीकार कर लिया है. यहां के निवासी शेख जफर को मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चितंबरानंद सरस्वती ने दीक्षा दिलाई. महामंडलेश्वर ने उन्हें नया नाम भी दिया. शेख जफर अब चेतन्य सिंह राजपूत के नाम से पहचाने जाएंगे.

मंदिर में पूजा पाठ करते शेख जफर कुरेशी. मंदिर में पूजा पाठ करते शेख जफर कुरेशी.
आकाश चौहान
  • मंदसौर,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:55 PM IST
  • मध्य प्रदेश के मंदसौर में मुस्लिम शख्स को मिला नया नाम
  • शेख जफर बोले- बचपन से मंदिर जाता था, नवरात्र में व्रत रखता था

मध्य प्रदेश में मंदसौर (MP Mandsaur) के निवासी शेख जफर कुरेशी ने सनातन धर्म स्वीकार कर लिया है. हिंदू होने के बाद शेख जफर कुरेशी खुश दिखे. हालांकि उनकी पत्नी शारदा जाधव हिंदू हैं. अब उनके पति शेख जफर भी सनातन धर्म अपनाकर सनातनी हो गए. शेख जफर को अब चेतन्य सिंह राजपूत नाम से नई पहचान मिल गई है. मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चितंबरानंद सरस्वती ने शेख जफर को नया नाम दिया है. महामंडलेश्वर स्वामी चितंबरानंद सरस्वती ने कहा कि शेख जफर को उन्होंने दीक्षा दिलवाई है. हिंदू धर्म की ओर जो भी आएगा, उसका वे स्वागत करेंगे.

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सनातनी हिंदू होने के बाद शेख जफर ने कहा कि हिंदू धर्म अपनाकर वह काफी खुश हैं. आज से उन्हें चेतन्य सिंह राजपूत नाम से पहचाना जाएगा. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन आस्था का विषय है. बचपन से ही में मंदिरों में जाया करता था और बड़ा होने के बाद पूजा पाठ भी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा कि नवरात्र में 9 दिन तक साधना करता था. एक तरीके से पूरी तरह सनातन धर्म को ही मान रहा था. बस मेरा नाम बाकी बचा था, वह भी आज बदल गया है.

उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी पहले से ही मराठा हैं और आज से मैं भी हिंदू हूं. मेरी शादी को दोनों ही परिवारों ने एक्सेप्ट कर लिया था. हमें शुरू से कभी नहीं लगा कि हमने अलग समाज में शादी की और अब मुझे सनातन धर्म अपनाने के बाद अच्छा लग रहा है. अब मैं पूरा हो चुका हूं, पहले अधूरा था.

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विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा ​कि काफी लंबे समय से जो व्यक्ति मीडिया में अपनी भूमिका अदा कर रहा था, वह स्वयं समझदार है. वह सूझबूझ वाले हैं. कल तक जफर अपनी भूमिका में थे. अपनी भूमिका को लेकर चल रहे थे मुस्लिम धर्म के उपासक थे, लेकिन मैं जफर भाई के बारे में कह सकता हूं कि वे मुस्लिम होते हुए भी एक प्रकार से हिंदू धर्म की जो मान्यता, संस्कृति है, उसे अपना कर चल रहे थे.

विधायक ने कहा कि जफर भाई नवरात्र के पर्व पर नौ दिन तक उपवास रखते थे. मैं उनके घर भी गया. उनके घर में एक मंदिर है और उस मंदिर में वह शिव के उपासक थे. आज जब उनके मन में आया तो मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चितंबरानंद सरस्वती स्वयं आए और उन्होंने ही उन्हें नया नाम दिया है. अब वे चेतन्य सिंह राजपूत के नाम से जाने जाएंगे.

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