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MP Election: 17 बार जमानत जब्त करवा चुका ये 'धरतीपकड़', अब फिर चुनाव लड़ने की तैयारी

MP Local Body Polls: परमानंद तोलानी ने 34 साल पहले लोकसभा चुनाव लड़ा था. उसके बाद से विधानसभा और निकाय चुनावों में हर बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप से पर्चा दाखिल करते रहे हैं. इस बार फिर उन्होंने महापौर बनने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोकी है.

महापौर पद के लिए परमानंद तोलानी ने पर्चा भरा. (फोटो:Aajtak) महापौर पद के लिए परमानंद तोलानी ने पर्चा भरा. (फोटो:Aajtak)
धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • इंदौर ,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST
  • हर बार जब्त हुई परमानंद तोलानी की जमानत
  • सांसद-विधायक तक के चुनाव में आजमाई किस्म

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहने वाले 62 साल के प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलानी को चुनाव लड़ने का जुनून है. 1989 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने के बाद से तोलानी अब तक 17 बार निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. हर बार उनकी जमानत जब्त हुई है. इसके बाद भी लोकतंत्र में अपना स्थान बनाने का उनका जज्बा कम नहीं हुआ. परमानंद तोलानी ने हर  चुनाव में फिर चाहे लोकसभा हो, विधानसभा हो या निकाय चुनाव, हर बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप से नामांकन दाखिल करते रहे हैं. इस बार फिर उन्होंने महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है. 

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दरअसल, मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए  महापौर और पार्षद पद के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलानी इस बार फिर महापौर पद के लिए निर्दलीय के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका भी  नामांकन दाखिल हो गया है.  

ज्योतिषाचार्य ने बताया जीत होगी  

परमानंद तोलानी के मुताबिक, ''उत्तराखंड के प्रसिद्ध ज्योतिषी परखराम ने मुझे बताया है कि 11 बजे के पहले नामांकन भरेंगे तो जीत अवश्य होगी, इसलिए मैंने समय पर फॉर्म जमा कर दिया मेरी प्राथमिकता कचरा टैक्स, संपत्ति टैक्स सहित सभी प्रकार के टैक्स से लोगों को राहत दिलाना होगी. महापौर बना तो 1 हजार वर्ग फीट के मकान पर कोई टैक्स का प्रावधान नहीं होगा.''  

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पिता की परंपरा को बढ़ा रहे आगे 

महापौर पद के उम्मीदवार तोलानी ने बताया कि इस दफा वह 18वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. हर चुनाव में उतरने की यह परंपरा उन्हें विरासत में मिली है. उनके पिता मणिराम तोलानी भी 1968 से चुनाव लड़ना शुरू किया था, और जीवित रहने तक हर चुनाव में ताल ठोंकी. हालांकि, उन्हें भी कभी जीत नहीं मिली. साल 1988 में पिता के निधन के बाद परमानंद ने इसकी शुरुआत की.

सुमित्रा महाजन के खिलाफ भी लड़ा चुनाव 

उन्होंने बताया कि सबसे पहला चुनाव उन्होंने 1989 में लड़ा था, तब भाजपा की ओर से सुमित्रा महाजन और कांग्रेस की ओर से प्रकाशचंद सेठी चुनावी मैदार में थे. इस दौरान तोलानी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़े. तब से उन्होंने हर बार विधानसभा और सांसद का चुनाव भी लड़ा. एक बार महापौर पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ तो उन्होंने पत्नी लक्ष्मी को चुनाव में लड़ाया था.

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बैंक खाते में सिर्फ 5 लाख रुपए 

उम्मीदवार तोलानी ने बताया, मेरा खुद का एक फ्लैट  है और बैंक खाते में सिर्फ 5 लाख रुपए बैलेंस है. 1989 में जब सबसे पहले चुनाव लड़ा था, तब 500 रुपए की जमानत जब्त हुई थी. अबतक कुल 17 बार जमानत जब्त हो चुकी है. देखें Video:

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