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लोन के चक्कर में पूरे परिवार की मौत के बाद एक्शन में शिवराज सरकार, ऐप पर होगी कार्रवाई!

ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन के नासूर ने मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले अमित यादव के हंसते-खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया. इस घटना के बाद अब शिवराज सरकार ऐसे लोन एप्स पर कार्रवाई करने की बात कर रही है, जो आरबीआई के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. गुरूवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसके संकेत दिए.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

मध्यप्रदेश के इंदौर में लोन देने वाले ऐप के जाल में फंस कर एक पूरे परिवार की मौत के मामले से शिवराज सरकार सबक ले रही है. अब शिवराज सरकार ऐसे लोन एप्स पर कार्रवाई करने की बात कर रही है, जो आरबीआई के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. गुरूवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसके संकेत दिए.

गुरुवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मैंने आज साइबर क्राइम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्दी से ऐसे लोगों को सूचीबद्ध करें, जो आरबीआई की गाइडलाइन का पालन किए बगैर लोन ऐप चला रहे हैं, अगर यह गाइडलाइन के विपरीत काम कर रहे हैं और लोन दे रहे हैं तो फिर इनकी एक ही जगह जेल होगी. 

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गौरतलब है कि ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन के नासूर ने मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले अमित यादव के हंसते-खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया. अमित ने पहले अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या की, फिर फांसी लगाकर जान दे दी. जान देने से पहले अमित ने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें लिखा है- 'आदमी बुरा नहीं हूं, लेकिन हालात ने ऐसा कर दिया...'

अमित यादव ने अपने सुसाइड नोट में लिखा- 'जीने की इच्छी मेरी भी है, लेकिन मेरे हालात अब ऐसे नहीं रहे, आदमी मैं बुरा नहीं हूं, पर हालात नहीं... इसमें किसी की कोई गलती नहीं है, मेरी ही है, मैंने कई ऑनलाइन ऐप से लोन से रखा है, पर मैं लोन भर नहीं पा रहा हूं, इज्जत के डर से यह कदम उठा रहा हूं, पुलिस मेरे परिवार को परेशान न करें, मैं ही दोषी हूं.'

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अमित ने आगे लिखा था- 'एक विशेष बात मेरे परिवार को बता दें कि लोन पैन कार्ड पर होता है, अगर पैन कार्ड धारक मर जाता है तो लोन का कोई अस्तित्व नहीं रहता, मेरे लोन को किसी को भरने की जरूरत नहीं है, मैं मेरे आई और मां-बाप से बहुत प्यार करता हूं, आपस में घर वाले न लड़े यही मेरी आखिरी इच्छा है, यह चिट्ठी मेरे घर वालों को जरूर पढ़ाया जाए, मम्मी मैं जा रहा हूं... अमित यादव, एक फकीर इंसान.'

 

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