
भारत की धरती पर चीतों का देखने का इंतजार पर्यटकों के लिए नए साल में खत्म होने वाला है. 17 सितंबर को नामीबिया से लाकर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीतों को अगले साल फरवरी में खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
आपको बता दें कि पहले ही सभी चीते छोटे से बड़े बाड़े में शिफ्ट किए जा चुके हैं. सभी 8 चीते जिनमें 3 नर और 5 मादा हैं, न केवल पूरी तरह स्वस्थ्य है, बल्कि बेहतर तरीके से सर्वाइव भी कर चुके हैं. यही वजह है कि पार्क प्रबंधन चीता टॉस्क फोर्स और केंद्र सरकार के निर्देशन में बड़े बाड़े में रह रहे चीतों को खुले में छोड़ने के साथ ही पर्यटकों के लिहाज से पार्क में तैयारियां अंतिम चरण में हैं.
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने Aajtak से फोन कॉल पर चर्चा करते हुए बताया, नामीबिया से लाए गए चीतों को चरणबद्ध तरीके से छोटे बाड़े से 500 हेक्टयर के बड़े बाड़े में रिलीज किया जा चुका है. सभी चीते पूरी तरह फिट हैं, और स्वछंद रूप से शिकार कर रहे हैं.
चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में रिलीज करने की तारीख तय नहीं है, क्योंकि टास्क फोर्स और केंद्र सरकार ही इस बारे में कुछ बता पाएंगे. लेकिन फरवरी माह में चीतों को खुले में छोड़ने योजना के मद्देनजर सभी तरह की तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही टूरिज्म की शुरुआत को लेकर भी इंतजाम किए जा रहे हैं. कूनो पार्क का पिछले सीजन से बंद टिकटोली गेट अब पर्यटकों के लिए खुल जाएगा.
पार्क प्रबंधन के मुताबिक, भले ही पर्यटक अभी चीतों को नहीं देख पाते हैं. लेकिन जब से कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाया गया है, तब से कूनो नेशनल पार्क की प्रसिद्धि बहुत ज्यादा बढ़ गई है.
17 सितंबर के बाद से देशी विदेशी पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ी है और उम्मीद है कि जब चीते खुले जंगल में छोड़ दिए जाएंगे तो देश में इकलौता कूनो नेशनल पार्क ही होगा जहां पर्यटक चीतों को देख सकेंगे. इसलिए पर्यटकों की संख्या नए रिकॉर्ड भी बना सकती है.