
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर ईद के दौरान जेल में बंद कैदियों और उनके परिजनों की खुली मुलाकात पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया. माकपा के मध्य प्रदेश महासचिव जसविंदर सिंह ने भोपाल सेंट्रल जेल के एक नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने त्योहारों पर कैदियों की रिश्तेदारों से खुली मुलाकात की दशकों पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया है.
सिंह ने अपने बयान में कहा, "नोटिस के मुताबिक इस बार ईद पर कैदियों को अपने परिजनों से खुली मुलाकात की इजाजत नहीं होगी. भारत में सभी त्योहार भाईचारे और एकता के साथ मनाए जाते हैं, जो विभिन्न धर्मों के बीच सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक है. भाजपा सरकार अब इस परंपरा को नष्ट कर रही है." उन्होंने इस फैसले की निंदा करते हुए मुलाकात की अनुमति देने की मांग की.
वहीं, भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, "जेल में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण सामान बिखरा हुआ है. सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है."
जेल में सिमी, पीएफआई, हिज्ब-उत-तहरीर, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े विचाराधीन कैदी और आईएसआई से संबंधित चार व्यक्ति बंद हैं.
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सिंह ने कहा कि दिवाली, राखी और ईद जैसे त्योहारों पर ऐसी मुलाकातें लंबे समय से होती आई हैं. यह विवाद तब शुरू हुआ, जब जेल प्रशासन ने निर्माण कार्य का हवाला देकर ईद पर खुली मुलाकात पर रोक लगाई, जिसे माकपा ने धार्मिक सौहार्द पर हमला करार दिया है. इस मुद्दे पर सियासी बहस तेज होने की संभावना है.