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8 साल के बेटे का जबरन खतना कराया और बदला नाम... शादीशुदा महिला और उसके प्रेमी को 10-10 साल की सजा

फरियादी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि पत्नी के प्रेमी इलियास ने उसके 8 साल के बेटे का धर्म परिवर्तन के साथ खतना करवाया और मासूम को मुस्लिम धर्म की शिक्षा देने के लिए मदरसे में भर्ती भी कर दिया.

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • इंदौर ,
  • 20 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

MP News: इंदौर जिला कोर्ट ने शहर के चर्चित धर्म परिवर्तन के मामले में प्रेमी-प्रेमिका और उसके एक सहयोगी को दस साल की सजा सुनाई है. पहले पति से हुए बच्चे का महिला ने मुस्लिम प्रेमी के साथ मिलकर खतना करवाया था. साथ ही मदरसे में पढ़ाई के लिए भेज दिया था. इस मामले में जैन समाज के साथ जैन मुनियों ने भी काफी विरोध दर्ज करवाया था. प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस संबंध में चिंता जाहिर की थी. 

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दरअसल, राजस्थान के निवासी एक बिजनेसमैन ने इंदौर आकर खजराना थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. फरियादी ने बताया था कि पत्नी के प्रेमी इलियास ने उसके 8 साल के बेटे का धर्म परिवर्तन के साथ खतना करवाते हुए मासूम को मुस्लिम धर्म की शिक्षा देने के लिए मदरसे में भर्ती भी कर दिया था.

मामला संदिग्ध होने और जैन समाज के आक्रोश के बाद पुलिस ने FIR दर्ज करते फरियादी की पत्नी प्रार्थना और उसके प्रेमी आरोपी इलियास समेत सहयोगी जफर को आरोपी बनाया और तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. 

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुरेंद्र सिंह वास्केल ने बताया कि आरोपियों ने कई बार जमानत की कोशिश की, लेकिन हर बार कोर्ट ने खारिज कर दी.

करीब 18 महीने चली सुनवाई के दौरान पुलिस ने धर्म परिवर्तन करने, बच्चे की खतना करने की मेडिकल रिपोर्ट और आरोपी बनाई गई महिला प्रार्थना के धर्म परिवर्तन करने के सबूत पेश किए थे.

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इसी आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों इलियास, प्रार्थना और जफर को दस-दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही पचास हजार के अर्थदंड के साथ अन्य धाराओं में पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, नाबालिग बच्चे को पिता के सुपुर्द कर दिया गया है.

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