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मुठभेड़ में मारा गया 14 लाख रुपये का इनामी नक्सली, MP में दर्ज हैं 8 आपराधिक मामले

एमपी पुलिस हॉकफोर्स ने बालाघाट जिले के कोठियाटोला के जंगल में सोमवार को हार्डकोर नक्सली सोहन उर्फ उकास उर्फ आयतु को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. नक्सली सोहन उर्फ उकास उर्फ आयतु साल 2013 से प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में शामिल होकर छत्तीसगढ़ की कई घटनाओं में शामिल रहा है.

जानकारी देते अधिकारी. जानकारी देते अधिकारी.
रवीश पाल सिंह
  • बालाघाट,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

मध्य प्रदेश पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर 14 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया है. एमपी पुलिस हॉकफोर्स ने बालाघाट जिले के कोठियाटोला के जंगल में सोमवार को हार्डकोर नक्सली सोहन उर्फ उकास उर्फ आयतु को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में नक्सली गतिविधियों में संलिप्त था और वह उकास केबी डिवीजन का एसीएम था. उसके पास से 315 बोर की राइफल और वायरलेस सेट बरामद किया गया है.

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नक्सल विरोधी अभियान के एडीजी जयदीप प्रसाद के मुताबिक, हॉकफोर्स को सूचना मिली थी की बालाघाट के हट्‌टा थाना क्षेत्र के गोदरी पुलिस चौकी के ग्राम कोठियाटोला जंगल क्षेत्र में जीआरबी और केबी डिवीजन के नक्सलियों की गतिविधि है. वे सादे कपड़ों में राशन और दैनिक उपयोग की सामग्री एकत्र करने के लिए कोठियाटोला गांव पहुंच रहे हैं. 

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के बालाघाट में एनकाउंटर, 28 लाख की इनामी दो महिला नक्सली ढेर, कई हथियार बरामद

इस सूचना पर हॉकफोर्स ने जंगल में सघन सर्च अभियान चलाया. इसी दौरान कोठियाटोला गांव में सादे कपड़ों में जा रहे 10-12 नक्सलियों को पूछताछ के लिए आवाज लगाई. इस दौरान संदिग्ध नक्सलियों द्वारा हॉकफोर्स पर अंधाधुंध फायरिंग की गई. आत्मरक्षा करते हुए हॉकफोर्स के जवानों ने जवाबी फायरिंग की. इस दौरान नक्सली घने जंगल और पहाड़ की आड़ लेकर भाग गए. बाद में सर्चिंग के दौरान एक नक्सली का शव बरामद हुआ, जिसकी शिनाख्त केबी डिवीजन के खूंखार एसीएम सोहन उर्फ उकास उर्फ आयतु के रूप में की गई.

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मध्य प्रदेश में दर्ज हैं 8 आपराधिक मामले

नक्सली सोहन उर्फ उकास उर्फ आयतु साल 2013 से प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में शामिल होकर छत्तीसगढ़ की कई घटनाओं में शामिल रहा है. संगठन के प्रभाव क्षेत्र में विस्तार के लिए अपनाई गई नीति को अंजाम देने के लिए इसे केन्द्रीय कमेटी के सदस्य रहे दीपक उर्फ मिलिंद तेलतुम्बड़े के सहयोगी की महत्वपूर्ण भूमिका दी. साल 2019 में एम.एम.सी. जोन में भेजा गया था. इससे पहले हुई अन्य मुठभेड़ों में यह शामिल रहा था. मध्य प्रदेश में उसके खिलाफ 8 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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