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MP: डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे का आरोप, चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है सरकार

MP News: निशा बांगरे ने बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने और भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से रोका गया और जब इससे आहत होकर इस्तीफा दिया तो अब तरह तरह से परेशान किया जा रहा है.

निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. (फाइल फोटो) निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. (फाइल फोटो)
राजेश भाटिया
  • बैतूल ,
  • 22 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

मध्य प्रदेश के बैतूल में डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियों में आई निशा बांगरे ने आखिर चुनाव लड़ने की घोषणा कर ही दी .सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में उन्होंने बताया कि सरकार उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना चाह रही है .इसलिए उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आरोप भी लगाया कि एक तरफ महिला आरक्षण की बात हो रही है तो दूसरी तरफ एक अनुसूचित जाति की पढ़ी-लिखी महिला को उसके संवैधानिक अधिकारों से रोका जा रहा है .

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निशा बांगरे ने सरकार पर आरोप लगाया है कि तीन सरकारी अधिकारियों को इस्तीफा दिलाकर उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया, तो उनके साथ ऐसा पक्षपात पूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है. उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है .

निशा बांगरे ने अपने वीडियो मैसेज में कहा, आगामी विधानसभा चुनाव में मैं नामांकन भरूंगी भी,और चुनाव लडूंगी भी . इसके बाद भी यदि द्वेषपूर्ण भावना के द्वारा मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार करके चुनाव लड़ने से रोका जाता है, तो अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी. देखें Video:-

बांगरे के वीडियो मैसेज ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी है. उन्होंने ऐलान किया है कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती और  अगर दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई करके उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है या उन्हें परेशान करने की नीयत से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है, तो वह आमरण अनशन करके अपने प्राण त्याग देंगी लेकिन अपने अधिकारों से समझौता करके जीना पसंद नहीं करेंगे.

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उन्होंने अपनी वीडियो मैसेज में जनता के सामने अपनी बात रखी और बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने और भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से रोका गया और जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया तो अब तरह तरह से परेशान किया जा रहा है.

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