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डॉक्टर एमसी डावर को मिला है पद्म पुरस्कार, इस महंगाई में भी 20 रुपये में करते हैं मरीजों का इलाज

यह कहना गलत नहीं होगा कि जबलपुर के डॉक्टर एमसी डावर वाकई धरती के भगवान कहलाने के लायक हैं. उन्होंने महज 2 रुपये से मरीजों को देखना शुरू किया था. अब भी वह सिर्फ 20 रुपए ही लेते हैं. सेना से रिटायर हो चुके डॉक्टर डावर का गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री ने शाल और श्रीफल देकर सम्मान किया.

डॉक्टर एमसी डावर सेना से रिटायर हो चुके हैं. वह कहते हैं कि यदि आदमी चाहे, तो सब कुछ हो सकता है. डॉक्टर एमसी डावर सेना से रिटायर हो चुके हैं. वह कहते हैं कि यदि आदमी चाहे, तो सब कुछ हो सकता है.
धीरज शाह
  • जबलपुर,
  • 26 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें यह सम्मान दिया गया है. दरअसल, वह इस महंगाई के दौर में भी महज 20 रुपये की फीस में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि जबलपुर के डॉक्टर एमसी डावर वाकई धरती के भगवान कहलाने के लायक हैं. 

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लिहाजा, एमसी डावर की इस सेवा के लिए उन्हें सरकार ने इस सम्मान से नवाजा है. वह सेना से रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने महज 2 रुपये की फीस लेकर लोगों का इलाज शुरू किया था. आज इस महंगाई के इस दौर में भी वह सिर्फ 20 रुपये फीस लेते हैं.

निस्वार्थ भाव से की गई जन सेवा का फल एक न एक दिन जरूर मिलता है. महंगाई के दौर में जहां हर एक चीज के दाम आसमान छू रहे हैं इस दौर में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा में लगे हुए हैं. जबलपुर के एक डॉक्टर महज 20 रुपये की फीस में लोगों का इलाज कर रहे हैं. जिन्हें अब केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है.

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महज 2 रुपए फीस से शुरू किया था मरीजों को देखना  

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डॉक्टर डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत है, जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा. उन्होंने जबलपुर से ही एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने 1986 में 2 रुपये फीस लेना शुरू की थी, जिसे बाद में 3 रुपये और फिर 1997 में 5 रुपये, उसके 15 साल बाद 2012 में 10 रुपये और अब बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया है. 

क्लीनिक ही नहीं, घर पर भी देख लेते हैं मरीज  

उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर साहब लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं. कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं. इसी जनसेवा के भाव की वजह से डॉक्टर डावर को आज पूरे देश में ख्याति और पहचान मिली है. 

प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं- डॉक्टर डावर  

पद्मश्री सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है कि इस तरह सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है और जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं. जबलपुर की डॉक्टर डाबर को पद्मश्री सम्मान मिलने की खबर लगते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाइयां दीं. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गणतंत्र दिवस पर किया सम्मान 

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गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर डॉ. डाबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुरस्कार केवल चिह्नित और बड़े लोगों को ही मिलता था. मगर, अब प्रधानमंत्री देश में चुन-चुन कर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर रहे हैं, जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं.

सीएम ने आगे कहा कि डॉक्टर डावर का जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित रहा है. इसलिए आज उन्हें पद्मश्री का सम्मान मिल रहा है. यह पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है.

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