
मध्य प्रदेश के सीहोर के रहने वाले कपिल परमार ने पैरिस पैरा ओलंपिक में जूडो में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा. कपिल परमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों ने बधाई दी. साथ ही सोशल मीडिया पर बधाई देने के लिए तांता लग गया. कपिल परमार ने बृहस्पतिवार को (जे1) 60 किग्रा पुरुष पैरा जूडो स्पर्धा में ब्राजील के एलिल्टोन डी ओलिवेरा को हराकर कांस्य पदक जीता और भारत को जूडो में पहला पैरालंपिक पदक दिलाया.
कपिल परमार पैरा ओलंपिक में जूडो में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है. कपिल सीहोर के भोपाल नाका स्थित मुरदी के रहने वाले हैं. उनके पिता राम सिंह परमार टैक्सी ड्राइवर हैं. वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं. बचपन में वो अपने गांव के खेतों में खेल रहे थे और गलती से पानी के पंप को छू लिया, जिससे उन्हें बिजली का जोरदार झटका लगा. बेहोश कपिल को अस्पताल ले जाया गया और वह छह महीने तक कोमा में रहे.
कपिल परमार जूडो में मिला कांस्य पदक
कुछ समय बाद उनकी आंखों की रोशनी लगातार कमजोर होती चली गई. अब उनकी आंखों की रोशनी इतनी कम है कि सबसे ज्यादा हाई पावर के चश्मे से भी उन्हें बेहद कम दिखाई देता है. बावजूद इसके कपिल ने हार नहीं मानी और जूडो खेलना शुरू किया. उन्होंने लखनऊ में ट्रेनिंग ली और कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दीकी से जूडो की बारीकियां सीखी.
कपिल परमार ने 2019 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीता. 2022 एशियन पैरा गेम्स में कपिल को सिल्वर मेडल हासिल हुआ. 2023 वर्ल्ड गेम्स और ग्रां प्री में उन्हें ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ. अब अपने करियर के पहले पैरालंपिक में उन्होंने एक बार फिर देश को ऐतिहासिक मेडल दिलाया है.
बचपन में लगा था बिजली का करंट
बता दें कि कपिल परमार ने क्वार्टर फाइनल में वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लांको को 10-0 से मात दी थी. हालांकि सेमीफाइनल में उनको ईरान के एस. बनिताबा खोर्रम अबादी ने 0-10 से हरा दिया. परमार को इन दोनों मुकाबलों में एक-एक पीला कार्ड मिला. सेमीफाइनल में हार के साथ ही परमार का गोल्ड जीतने का सपना जरूर टूट गया, लेकिन उन्होंने कांस्य पदक जीतकर अब नया इतिहास रचा.