
मध्यप्रदेश में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. इन सब के बीच हरसूद क्षेत्र से 9 बार से बीजेपी विधायक और प्रदेश सरकार में पांच बार मंत्री रहे विजय शाह की दाल-बाटी और चिकन पार्टी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. खुद शाह चिकन पार्टी में खुद कमेंट्री कर फंसते नजर आ रहे हैं. नियमों को दरकिनार कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में हुई चिकन पार्टी की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों को की है. वीडियो वायरल होने और अधिकारियों की शिकायत होने के बाद वन विभाग के अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.
दरअसल, पूर्व वन मंत्री और विधायक विजय शाह अपने दोस्तों के साथ पर्यटन स्थल पचमढ़ी घूमने आए थे. जहां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में प्रतिबंध के बावजूद नियमों को ताक पर रख पार्क के नियमों को तोडते नजर आए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वन विभाग के अधिकारी अपने आप को भाजपा सरकार के वर्तमान विधायक और पूर्व वन मंत्री की नजर में खुद को अच्छा दिखा सकें.
कोर एरिया में फॉरेस्ट का स्टाफ BJP विधायक को बाकायदा प्राइवेट वाहन से पचमढ़ी स्थित रोरीघाट स्थित सिद्ध बाबा की पहाड़ी तक ले गया. इसके बाद आग जलाकर चिकन-भरता और बाटी बनाकर पार्टी की.
वहीं, यदि फॉरेस्ट नियमों की बात की जाए तो रिजर्व क्षेत्र में आग लगाना या पार्टी करना कानूनन जुर्म है. नियमों को दरकिनार करते हुए रिजर्व क्षेत्र में फॉरेस्ट के ही स्टाफ ने मिलकर पार्टी की व्यवस्थाकी और आग जलाकर खाना पकाया. देखें Video:-
सिद्ध बाबा पहाड़ी पर पार्टी का भोजन बनाने और पूर्व मंत्री की खिदमत में लगे फॉरेस्ट के महिला-पुरुष गार्ड के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें फॉरेस्ट कर्मी कुर्सियां और पार्टी का सामान लाते दिखाई दे रहे हैं. पूर्व वन मंत्री विजय शाह हरसूद-खंडवा क्षेत्र से 9 बार से विधायक और प्रदेश सरकार में 5 बार आदिम जाति कल्याण मंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, खाद्य मंत्री सहित दो बार वन मंत्री रह चुके हैं. देखें Video:-
आरटीआई एक्टिविस्ट और शिकायतकर्ता अजय दुबे ने बताया कि मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में प्रतिबंध के बावजूद पूर्व वन मंत्री और उनके कुछ मित्र निजी वाहन और सरकारी वाहनों में सफारी करने गए थे. वाकई दुर्भाग्यपूर्ण था. जहां पर आप माचिस नहीं ले जा सकते, वहां पर उन्होंने चिकन-मटन पकाया. दुर्भाग्य से वन अधिकारी और जिनका काम है बाघों का और दुर्लभ वन्य प्राणियों की सुरक्षा करना, वह उनके लिए चिकन-मटन चूल्हा जला के पका रहे थे. कहीं यदि अग्नि से वहां पर लापरवाही से कोई बड़ी दुर्घटना होती तो निश्चित तौर पर बहुत बड़ा नुकसान होता. और सारे नियम कानून तोड़कर फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति की ओर से जो सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं, वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं. देखें Video:-
RTI कार्यकर्ता ने सरकार से मांग की है इस तरह के वीआईपी टूरिज्म पर सख्त कार्रवाई हो. जिसका विरोध न केवल आम नागरिक करती है, बल्कि देश के प्रधानमंत्री भी इस संस्कृति के खिलाफ हैं.
वहीं, एसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलोज ने बताया कि मीडिया में इस तरह के कुछ समाचार प्रकाशित हुए हैं. इसकी जांच कराई जा रही है.