
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है. जबलपुर में इलेक्शन कैंपेन की शुरुआत करने के महीनेभर बाद प्रियंका ने शुक्रवार को ग्वालियर में जनआक्रोश रैली को संबोधित किया. यहां प्रियंका के निशाने पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार रही. उन्होंने अपने भाषण में बेरोजगारों के दर्द को छुआ तो महंगाई को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. प्रियंका ने कांग्रेस की पांच गारंटियां भी गिनाईं और सिंधिया को लेकर तंज भी कसा.
प्रियंका ने भाषण की शुरुआत राम-राम से की और बुंदेली भाषा में ग्वालियर-चंबल के लोगों से जुड़ने की कोशिश की. प्रियंका ने कहा- ग्वालियर में आकर खुशी हुई है. इससे पहले भी मैं यहां पीतांबरा माई के दर्शन के लिए आई हूं. मेरी दादी इंदिरा गांधी भी इस क्षेत्र में आ चुकी हैं. उन्होंने मुझे रानी लक्ष्मीबाई की कहानी खूब सुनाई. मुझे आपके क्षेत्र की वीरता की कहानियों के बारे में भी पता है. ग्वालियर आ रही थी तो मेरे साथियों ने मुझे मुद्दे भेजे. कौन-कौन मुद्दे हैं, जो ग्वालियर और मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण हैं. मुझे भाषण में क्या-क्या कहना चाहिए. जब मैं उन मुद्दों और सुझावों को पढ़ रही थी तो मुझे लगा कि ज्यादातर नकारात्मक बातें थीं.
'गुण-अवगुण गिनाने में असल मुद्दे छूट रहे'
प्रियंका ने कहा- मेरे मन में ये बात आई कि क्या हमारी राजनीति आज सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में फंस गई है. क्या इससे आगे भी कोई राजनीति हो सकती है. जो जनता के मतलब की बातें हों. भारतीय राजनीति की नींव स्वतंत्रता के आंदोलन में डली थी. स्वतंत्रता आंदोलन को सत्याग्रह का नाम दिया गया था. सत्य की लड़ाई थी. यही हमारी राजनीति की नींव है. नेताओं में सरलता, सादगी और सच्चाई का स्वभाव है. आज परिस्थितियां बदल गई हैं. मंच पर एक-दूसरे के गुण और अवगुण गिनाते रहते हैं. जनता के असली मुद्दे डूब जाते हैं. आज कल अहंकार की राजनीति चलती है. आजकल भौकाल और शान-शोहरत की राजनीति है. बीच में जनता की समस्याएं और देश का सत्य डूब रहा है.
'पीएम ने विपक्षी नेताओं को चोर बोला'
दूसरों की आलोचना करना बहुत आसान है. राजनीति सभ्यता को कायम रखने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है. दो दिन पहले की बात है. विपक्ष की बहुत बड़ी मीटिंग हुई. तमाम विपक्षी दलों के बड़े नेता आए. उसी दिन या अगले दिन प्रधानमंत्री का एक बयान आया. उस बयान में उन्होंने जितने भी विपक्ष के नेता और पार्टी हैं, उन सबको चोर बोल दिया. जिन लोगों ने आजीवन देश के लिए संघर्ष किया है, जनता के मुद्दे उठाकर आगे बढ़े हैं, उनका पीएम ने अपमान कर दिया.
'पीएम ने 77 दिन तक मणिपुर हिंसा पर बयान नहीं दिया'
दूसरी तरफ मणिपुर में दो महीने में पूरे प्रदेश जल रहा है. घरों में आग लगाई जा रही है. आपस में मार-काट हो रही है. महिलाओं के साथ भयावह अत्याचार हो रहा है. बच्चों के सिर छत नहीं रहे और हमारे प्रधानमंत्री ने 77 दिन तक कोई बयान ही नहीं दिया. वहां एक्शन लेना छोड़िए, एक लब्ज नहीं कहा. कल भयावह वीडियो वायरल होने के बाद मजबूरी में बयान दिया. उस बयान में भी राजनीति घोल दी. उन्होंने उन प्रदेशों का नाम लेकर जिक्र किया, जहां विपक्षी दलों की सरकार है. मैं आपसे पूछ चाहती हूं कि ये जो जनआक्रोश लिखा है, ये जनआक्रोश किस बात का?
'अचानक सिंधिया की विचारधारा पलट गई'
ये जनआक्रोश आपके ही मुद्दों पर है. यहां खड़े होकर मैं भी 30 मिनट के भाषण में 10 मिनट प्रधानमंत्री जी की आलोचना कर सकती हूं. 10 मिनट के लिए कितनी नकली घोषणाएं और घोटाले किए गए हैं, उस पर बोल सकती हूं. 10 मिनट के लिए सिंधिया जी पर भी बोल सकती हूं कि किस तरह अचानक उनकी विचारधारा ही पलट गई. लेकिन, आज मैं यहां आपका ध्यान भटकाने के लिए नहीं आई हूं. मैं आपके मुद्दों पर बात करने आई हूं. आज जो सबसे बड़ा मुद्दा है आपका, वो मैं जानती हूं. सबसे बड़ा महंगाई का मुद्दा है. सब्जी, फल, आटा, गेहूं की महंगाई तो ही है. टमाटर 150 रुपए किलो आप खरीद नहीं सकते हैं, लेकिन इस महंगाई से किस तरह आपकी कमर तोड़ी जा रही है, उसकी बात कर रही हूं.
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'समाज और महंगाई का बोझ महिलाओं पर'
जब घर में आजकल इतनी बारिश हो रही है, छत से पानी गिर रहा है और आपको मरम्मत करवानी है, लेकिन वो मरम्मत महंगी हो गई है. आपको किसी के घर जाना है और कुछ ले जाना है, वो महंगा हो गया है. बच्चों की फीस महंगी हो गई है. इतनी बारिश में बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उनके लिए छाता खरीदना महंगा हो गया है. आपके पूरे जीवन पर महंगाई एक बोझ बन गई है. ये सिर्फ टमाटर के भाव की बात नहीं है. ये बात आपके जीवन की है. आप किस तरह गुजारा कर पा रहे हैं, मैं ये बात समझ नहीं पा रही हूं. सबसे बड़ा बोझ महिलाओं पर है. समाज और महंगाई का बोझ इन महिलाओं पर है. गैस भरना मुश्किल हो गया है. एक हजार से कम नहीं मिल रहा है.
'पूरे देश की संपत्ति दो बिजनेसमैन को बेच दी'
बच्चों की परवरिश कैसे होगी. बीमार होने पर दवाई का संकट खड़ा हो जाता है. आज ये परिस्थितियां है. यहां फिजूल की बात नहीं करूंगी. हर गांव, मोहल्ले में नेता जाता है, तो उसे जनता के मुद्दों पर बात करना पड़ेगा. उसे बताना पड़ेगा कि ये महंगाई क्यों है. बेरोजगारी क्यों है. ये ऐसी सरकार क्यों है, जिसने पूरे देश की संपत्ति एक-दो बिजनेसमैन को बेच दी. शर्म की बात है कि तीन साल में सिर्फ 21 नौकरियां दी गईं. चुनाव से पहले वादे करने से क्या फायदा है. 18 साल से सरकार में रहकर कुछ दिया नहीं है.
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'सरकार का लूट और घोटालों पर ध्यान'
प्रियंका ने कहा, आपके मुद्दे महंगाई और बेरोजगार है. घोटाले की लंबी लिस्ट है. महाकाल लोक में भगवान की मूर्तियां तक नहीं छोड़ीं. इंसान की नींव की तरह नीयत होती है. इन्होंने हमारी सरकार गिराकर अपनी जो सरकार बनाई है, उसकी नींव ही गलत थी. पैसों से खरीदी सरकार है. इसकी नीयत और नतीजा क्या है? शुरू से लूट और घोटाले में ध्यान रहा है. ऊपर से 18 साल से सरकार चली आ रही है. 18 साल से जिसके पास सत्ता होती है, उससे अहंकार होता ही होता है. आसपास के अधिकारी और साथी होते हैं, वो भी सच्चाई नहीं बताते हैं. 18 साल में नेता सोचने लगते हैं कि सत्ता तो हमेशा ही उनके साथ रहेगी. काम करने की क्या जरूरत है. कोई पूछने वाला तो है नहीं. समय आने पर ध्यान भटका देंगे. जनता महंगाई और बेरोजगारी की बात भूल जाएगी. जनता भूल जाएगी कि किसान खेती नहीं कर पा रहा है. कुछ खरीद नहीं पा रहा है. पेट्रोल-डीजल के दाम इतने बढ़ गए हैं.
'कमजोर पर ही होते हैं अत्याचार'
अगर फिर से उनकी सरकार बन जाएगी और पांच साल फिर काम नहीं करना पड़ेगा. सत्ता का स्वभाव है कि वो इंसान की भी असलियत उभार देती है. ये सत्ता का स्वभाव है. सत्ता अगर एक नेक इंसान के हाथ में दो तो वो भलाई करेगा. आपकी सेवा करेगा. आप सत्ता को गलत इंसान के हाथ में दोगे तो इसी तरह की लूट मचेगी, जो मध्य प्रदेश में चल रही है. महंगाई और बेरोजगार से समाज में तनाव बढ़ता है. इससे अत्याचार बढ़ता है और अत्याचार उन पर ही होते हैं, जो ज्यादा कमजोर होते हैं. आप सबने देखा कि आदिवासियों के साथ किस तरह की हरकतें की जा रही हैं. इनके शासन में दलितों के साथ कितने अत्याचार हो रहे हैं. महिलाओं की तो बात ही ना करें.
'आप जागरूक नहीं, नेताओं से सवाल करिए'
हर रोज रेप होता है. एक तरफ अखबार में सरकार के बड़े-बड़े इस्तिहार हैं और दूसरी तरफ बीजेपी नेता के बेटे के रेप की खबरें हैं. छेड़छानी की खबरें हैं. सबसे ज्यादा विवेक जनता में होता है. जनता सबसे सही निर्णय लेती है. समय आ गया है कि अपने और भविष्य के लिए बहुत बड़ा निर्णय करने वाले हैं. अगले 5 साल में आप यही करना चाहते हैं, जो आपने देखा है. कितने लोगों को रोजगार मिला है. किसान भाई-बहन यहां हैं. आपकी जिंदगी बेहतर हुई है या नहीं? व्यापारी और छोटे दुकानदार होंगे. क्या आपके जीवन में तरक्की आई है? आपने मेहनत से कमाया है, कुछ नहीं बच पाता है. सत्ता में बैठे लोग घोटाले करके कमाई कर रहे हैं. बड़े बिजनेसमैन के साथ घूमते हैं. ये अभाव इसलिए है, क्योंकि आप जागरूक नहीं बने हैं. आपकी जागरूकता की कमी है. आप ही दोषी हैं. आप नेताओं से सवाल नहीं करते हैं. 22 हजार घोषणाएं कीं, उनमें से 2 हजार पूरी की? ये घोटाले की लिस्ट क्यों बढ़ती जा रही है.
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'हमने जो वादे किए, वो निभाए'
कांग्रेस आपके लिए कुछ वादे और गारंटी लेकर आई है. जब मैं गारंटी की बात कहती हूं तो वो निभाई जा रही हैं. चाहे आप कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जो वादे किए थे, वो निभाए जा रहे हैं. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू है.
'मध्य प्रदेश में लागू करेंगे पांचों गारंटी'
मध्य प्रदेश में ओपीएस योजना लागू होगी. बहनों को 1500 रुपए हर महीने मिलेंगे. 500 रुपए में गैस का सिलेंडर मिलेगा. 100 यूनिट बिजली मुफ्त होगी. 200 यूनिट पर हाफ चार्ज लगेगा. किसान कर्ज माफी योजना को फिर से लागू किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में धान के लिए 2600 रुपए सब्सिडी देते हैं. कर्नाटक में मुफ्त में महिलाएं बस में यात्रा कर रही हैं. मध्य प्रदेश में प्रचंड बदलाव की लहर है.
'एमपी में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाओ'
उन्होंने कहा, प्रचंड बहुमत से कांग्रेस को जिताइए. एक मजबूत सरकार बनाओ, जो ना खरीदी जा सके और ना गिराई जा सके. जो सरकार सिर्फ आपके भविष्य के लिए काम करे. एक ऐसी राजनीति लाईए अपने प्रदेश में... आपकी छोटी और बड़ी समस्याओं को सुलझाने का काम पहले दिन से शुरू होना चाहिए. कमलनाथ जी से मैं अपनी तरफ से एक मांग करना चाहती हूं. रास्ते में दिव्यांग लोग मिले. उन्होंने बताया कि अभी मात्र 600 रुपए मिलते हैं. आप उनका पेंशन जरूर बढ़ाइएगा.
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'.... कांग्रेस आने वाली है'
ग्वालियर की धरती झांसी की रानी की धरती है. यहां के महापुरुषों ने अपनी धरती की रक्षा के लिए काम किया है. प्रियंका ने बुंदेलखंडी भाषा में नारे भी लगवाए. भाजपा जाने वाली है, कांग्रेस आने वाली है.