
कोरोना काल के बाद पहली बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आगाज रविवार को इंदौर में हुआ. इंदौर में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया. ये सम्मेलन 10 जनवरी तक चलेगा और सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर पहुंचकर इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार, 10 जनवरी को इस सम्मेलन का समापन करेंगी. राष्ट्रपति समापन सत्र में प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी करेंगीं. इस सम्मेलन में 70 देशों के 3500 प्रवासी भारतीय शिरकत कर रहे हैं.
कुछ ऐसा है पीएम मोदी का शेड्यूल
बता दें कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी 9 जनवरी को सुबह 9.30 बजे इंदौर पहुंचेंगे. सुबह 10 बजे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इंदौर में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति डा. मोहम्मद इरफान अली की अगवानी करेंगे. सुबह 10:30 बजे प्रवासी भारतीय दिवस के थीम सांग से मुख्य समारोह शुरू होगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर अतिथियों का स्वागत करेंगे. फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वागत भाषण देंगे. दोनों राष्ट्राध्यक्ष अतिथियों के भाषण के बाद समारोह के मंच से विशेष डाक टिकट का अनावरण होगा.
बाद में प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे और आमंत्रित प्रवासियों के साथ ग्रुप फोटो भी करवाएंगे. दोपहर 12 बजे से पनामा, मॉरीशस और मलेशिया के मंत्रियों के साथ चर्चा का सत्र होगा. इसके बाद 12.30 बजे से गुयाना के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री एमओयू पर ट्रांसफर करेंगे. फिर दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री प्रवासियों के सम्मान में भोज आयोजित करेंगे. लंच के बाद सूरीनाम के राष्ट्रपति के साथ एमओयू ट्रांसफर होगा. इसके बाद पीएम मोदी 3 बजे इंदौर से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
प्रवासियों के स्वागत को सजा हुआ है इंदौर
इस कार्यक्रम के लिए इंदौर में काफी साज-सज्जा की गई है. एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल तक कलाकृतियों के साथ ही दीवारों को भी रंगा गया है. सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को इंदौर की संस्कृति से रू-ब-रू करवाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर सीएम शिवराज चौहान ने ट्वीट भी किया.
इस बार के कार्यक्रम का थीम है, ‘प्रवासी : अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार’. इस सम्मेलन के पहले दिन गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली शामिल हुए. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर भी रविवार के कार्यक्रम में शामलि हुए. उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि युवा भारत की ऊर्जा तेजी से दिखाई दे रही है. हमारे प्रवासी भारतीयों ने पिछले 8 साल में उल्लेखनीय परिवर्तन किए हैं. उन्होंने कहा कि युवा भारत की ऊर्जा तेजी से दिखाई दे रही है. विदेश मंत्री ने भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए भारतीय युवाओं की प्रशंसा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि युवा पीढ़ी पढ़ाई, काम और विदेश यात्रा के जरिए भारत को दुनिया से जोड़ने में सबसे आगे है.
क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय सम्मेलन?
गौरतलब है कि साल 2019 के बाद पहली बार ये सम्मेलन फिजिकल मोड में हो रहा है. तीन साल ये कोरोना की वजह से डिजिटल मोड में हुआ था. रविवार को प्रोग्राम में पहुंचे मेहमानों का जोरदार स्वागत हुआ. बता दें कि 9 जनवरी 1915 को साउथ अफ्रीका से गांधीजी मुंबई आए थे, उसी याद में प्रवासी भारतीय दिवस होता है. प्रवासी भारतीयों के देश के विकास में योगदान के बारे में ये दिन मनाया जाता है. साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे मनाने की घोषणा की थी. यह दिन महात्मा गांधी की भारत वापसी का प्रतीक है. महात्मा गांधी वर्ष 1915 में दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे. 2015 के बाद से यह हर दूसरे साल मनाया जाता है.