
मध्य प्रदेश के देवास में युवकों को गंजा कर जुलूस निकालने के मामले में थाना प्रभारी अजय गुर्जर को लाइन अटैच कर दिया गया है. विधायक गायत्रीराजे पवार ने एसपी से मिलकर इस कार्रवाई पर विरोध जताया था. इसके बाद टीआई के खिलाफ एक्शन लिया गया.
ICC चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल मैच में भारत की जीत के बाद रविवार रात देवास शहर में जश्न का माहौल था. सयाजी द्वार पर उत्साहित युवकों के पटाखे फोड़ने और हुड़दंग के चलते पुलिस से टकराव हो गया. इसके चलते दूसरे दिन सोमवार शाम पुलिस ने 9 युवकों का मुंडन कर जुलूस निकाला, जिस पर बीजेपी विधायक गायत्रीराजे पवार ने कड़ी आपत्ति जताई.
क्या हुआ था रविवार रात?
रविवार रात भारत की जीत के बाद एबी रोड स्थित सयाजी द्वार पर भारी भीड़ जमा हो गई. उत्साहित लोग बम-पटाखे फोड़ने लगे, जिससे राहगीर और वाहन चालकों में दहशत फैल गई. मौके पर मौजूद सिटी कोतवाली टीआई अजय गुर्जर ने लापरवाही से पटाखे फेंक रहे युवकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाराज युवकों ने टीआई के साथ अभद्रता की और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ का प्रयास किया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने चौपाटी के मोमोज दुकानदार अखिलेश यादव की पिटाई कर दी, जिसका सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया.
पुलिस की कार्रवाई और विधायक का विरोध
सोमवार को पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर हुड़दंग करने वाले युवकों को चिह्नित किया और 10 लोगों के खिलाफ शांति भंग सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया. देर शाम 9 युवकों का मुंडन कर एमजी रोड पर जुलूस निकाला गया.
इस कार्रवाई पर देवास की भाजपा विधायक गायत्रीराजे पवार ने आपत्ति जताते हुए एसपी पुनीत गेहलोद से मुलाकात की. विधायक का कहना है कि इन युवकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और पुलिस को इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए था. उन्होंने पूरे मामले की जांच और युवकों की तत्काल रिहाई की मांग की.
SP ने दिए जांच के आदेश
विधायक से मुलाकात के बाद एसपी पुनीत गेहलोद ने मीडिया से कहा कि टीआई के साथ अभद्रता, पुलिस वाहन में तोड़फोड़ का प्रयास किया. इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने मोमोज दुकानदार की पिटाई कर दी. इस सभी पहलुओं की जांच के लिए एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया को नियुक्त किया गया है. जांच रिपोर्ट 7 दिन में सौंपने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, मारपीट के आरोपी आरक्षक मन्नूलाल वर्मा को लाइन अटैच कर दिया गया. घायल दुकानदार को इंदौर रेफर किया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
सोशल मीडिया पर बहस
सीएसपी दीशेष अग्रवाल ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने शहर के बीचोबीच माहौल खराब किया था, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई. हालांकि, इस घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं. कुछ लोग पुलिस की कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ जीत के जश्न में शामिल युवकों पर इस तरह की सख्ती को गलत बता रहे हैं.
इस घटना ने पुलिस कार्रवाई और सार्वजनिक उत्सव के बीच संतुलन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस मामले में आगे की दिशा तय करेगी.