
मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में इन दिनों जोरदार बारिश हो रही है. इससे नर्मदा, चंबल और बेतवा समेत कई नदियां उफान पर है. नर्मदापुरम में नर्मदा नदी खतरे के निशान को पार कर 967 फीट के स्तर के करीब पहुंच गई है. जिसकी वजह से आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, हरदा जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम कुकरावत में जान जोखिम में डालकर एक गर्भवती महिला को ट्यूब पर बैठा कर नदी पार कराया गया.
बारिश की वजह से जिले के नदी नाले तक उफान पर हैं. लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एक गर्भवती महिला को ट्यूब के सहारे उफनती नदी को पार कराया गया. इसके बाद उसे 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं. जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर ग्राम कुकरावत का बीते दो दिनों से सड़क संपर्क टूटा हुआ है. जिला स्वास्थ अधिकारी एचपी सिंह ने बताया कि महिला को पहले ट्यूब पर बैठाकर नदी पार कराया गया. इसके बाद 108 एंबुलेंस से हरदा लाया गया. यहां अस्पताल में महिला ने बेटे को जन्म दिया. मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
नादियों का रौद्र रूप:
तवा और बरगी बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण हरदा जिले में नर्मदा रौद्र रूप में बह रही है. नर्मदा उफान पर होने से हंडिया और नेमावर घाट पूरी तरह से डूब गए हैं. नेमावर घाट में ऊंचाई पर बने शनि मंदिर और प्रसाद की दुकाने पानी में डूब गई हैं.
हरदा में नर्मदा का जलस्तर 270 मीटर तक पहुंच गया है. जो खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे है. प्रशासन ने नर्मदा किनारे अलर्ट जारी कर एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम तैनात की है. जिले में राहत की बात है यह की बारिश का दौर थमा हुआ है. जिससे नर्मदा की सहायक नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है.
जबलपुर में रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए बरगी बांध के 21 में से 13 गेट खोल दिए गए. करीब 1 लाख 06 हजार क्यूसेक पानी को छोड़ा गया. बांध के गेट खुलने के बाद यहां बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं.