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मध्य प्रदेश: सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए उकसाती दिखीं पूर्व मंत्री इमरती देवी

ग्वालियर के भितरवार में 96 गांव की महापंचायत हुई. मुद्दा एक विवादित भूमि पर अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर था. इस महापंचायत में मध्य प्रदेश लघु निगम की अध्यक्ष इमरती देवी भी पहुंची थी. वह मंच से ही लोगों को सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए उकसा रही थीं.

ग्वालियर के भितरवार में 96 गांव की महापंचायत में इमरती देवी ने दिया विवादित बयान. ग्वालियर के भितरवार में 96 गांव की महापंचायत में इमरती देवी ने दिया विवादित बयान.
सर्वेश पुरोहित
  • ग्वालियर ,
  • 27 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

जो जमीन सरकारी है, वो जमीन हमारी है… सिंधिया समर्थक इमरती देवी की मौजूदगी में ये नारेबाजी ग्वालियर के भितरवार में हुई. यहां 96 गांव की महापंचायत लगी हुई थी. मुद्दा एक विवादित भूमि पर अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर था. इस महापंचायत में पूर्व मंत्री इमरती देवी भी पहुंची थी. वह मध्य प्रदेश लघु निगम की अध्यक्ष हैं.

हैरानी की बात यह है कि वह भी मंच से ही लोगों को सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए उकसा रही थीं. वो बता रही थी कि ये पुलिस वाले कुछ नहीं बिगाड़ेंगे. इसके साथ ही वो ये भी बता रही थी कि वो पहले भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर चुकी हैं.

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आपको बता दें कि भितरवार नगर के पास गोहिंदा मार्ग पर स्थित जमीन के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है. इस जमीन पर एक पक्ष ने 19 अक्टूबर को डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा लगा दी थी, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया. इसको लेकर प्रशासन भी कोई समाधान नहीं निकाल पाया है और विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

पूर्व मंत्री इमरती देवी ने दिया विवादित बयान 

इस दौरान इमरती देवी ने विवादित बयान दिए. वह सरकारी जमीनों पर (जाटव) समुदाय को कब्जा करने के लिए उकसाती नजर आईं. इमरती देवी ने कहा, “सहराई में मैंने खुद जमीन घेरी. खड़े होकर बाबा साहब की मूर्ति लगवाई. 41लाख रुपए का काम करवाया.” 

इमरती देवी यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने आगे कहा, “बिलौआ में खाली जमीन डली ली थी. लोगों ने पूछा क्या करें. हमने कहा वह जमीन अपनी है, पैसे पकड़ो बाबा साहब की मूर्ति लाओ और रख दो, अब वहां पर सामुदायिक केंद्र भी बन गया है.” 

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उन्होंने आगे कहा, “आप सभी लोग बड़ी हिम्मत और ताकत से लड़ो. पुलिस की गाड़ियों से मत डरना, यह तो अपने मारे भागते हैं. यह सुन भी रहे हैं. इनकी एक मुट्ठी है, अपनी तो कई मुट्ठियां हैं. तीन महीने पहले मुझे मारने के लिए लोग घूम रहे थे. अगर मैं मर जाती, तो 15 दिन तक पेपर में छपती. वैसे मरूंगी, तो एक दिन छापूंगी. बाहुबली लोग लगे हुए थे मेरे पीछे.” 
 

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