
सतना में शासकीय सेवा में रहते सीएम तीर्थदर्शन यात्रा का लाभ लेने की कोशिश में मुरैना एसपी के पिता लालजी बागरी को कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया. निलंबन अवधि में बागरी मैहर में अटैच रहेंगे. मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी की माता विद्या बागरी और पिता लालजी बागरी की द्वारका यात्रा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई थी.
मामला संज्ञान में आने पर सोमवार को तीर्थदर्शन यात्रा के नोडल ऑफिसर और संयुक्त कलेक्टर सुरेश जादव ने आनन-फानन में आवेदन निरस्त कर दिया. देखते ही देखते आदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. मसनहा स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में सहायक शिक्षक लाली बागरी आयकरदाता भी हैं.
सरकारी शर्तों के तहत कोई भी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी या फिर आयकर दाता तीर्थदर्शन यात्रा के लिए पात्र नहीं है. आरोप है कि बावजूद इसके लालजी बागरी ने स्वयं और अपनी पत्नी के लिए अवैध तरीके से योजना के लाभ लेने की कोशिश की.
इस मामले में सहायक अध्यापक लालजी बागरी ने कहा, 'इसे त्रुटि समझिए सर... या समझिए गलती हो गई, दद्दा जो फॉर्म लेकर आए, गलती ये हो गई कि इस हिसाब से... क्या बताऊं सर तिल का ताड़.... राई का पहाड़ बना दिया गया है, यदि मुझे जाना होता तो मैं अपने विभाग से अनुमति अवश्य लेता, इसका सबसे बड़ा प्रूफ ये है कि 33 साल की मेरी नौकरी है.... एक साल मेरी कुल नौकरी बची है... जब मैंने विभाग से अनुमति नहीं ली, इसका मतलब मुझे यात्रा पर नहीं जाना.'
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित ने कहा कि संबंधित शिक्षक ने मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में आवेदन किया है और उनका नाम उसमें चयनित किया गया था, यह बात संज्ञान में आने पर कलेक्टर ने उनका चयन निरस्त किया और चूंकि वे शासकीय कर्मचारी हैं, आयकरदाता हैं और इस योजना का लाभ लिए जाने का प्रयास किया गया, यह मामला संज्ञान में आने पर उनको सस्पेंड किया गया है, कलेक्टर महोदय ने ही उन्हें निलंबित किया है.