
मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर थाना क्षेत्र में एक आदिवासी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो शव को सम्मानपूर्वक अस्पताल पहुंचाने की बजाय नगर पालिका की कचरा गाड़ी में रखकर ले जाया गया. इस घटना ने पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर किया.
जानकारी के अनुसार, यह घटना मैहर के अबेर गांव की है. यहां गुड्डू कोल नाम के व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था. उसका शव गोलामठ मंदिर के पास बिजली के खंभे से लटकता मिला. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया. शव को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई शव वाहन नहीं मंगाया गया, बल्कि नगर पालिका की कचरा उठाने वाली गाड़ी में डालकर अस्पताल भेज दिया गया.
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पुलिस के इस अमानवीय व्यवहार पर स्थानीय लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई है. लोगों का कहना है कि अगर शव वाहन उपलब्ध नहीं था, तो भी पुलिस को कोई सम्मानजनक विकल्प तलाशना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए शव को कचरा वाहन में डाल दिया.
चौकी प्रभारी महेंद्र गौतम ने कहा कि सूचना पर मौके पर पहुंचे तो देखा कि 45 वर्षीय गुड्डू कोल नाम के व्यक्ति ने फांसी लगा ली. परिजनों ने बताया कि वह काफी दिनों से विक्षिप्त हो गया था. वह बिना बताए घर से निकल गया और बिजली के खंभे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.