
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त छापे के बाद गायब चल रहे परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सौरभ शर्मा की ओर से भोपाल जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई गई है.
सौरभ शर्मा की ओर से ग्वालियर के वकील राकेश पाराशर पैरवी कर रहे हैं. वकील पाराशर का कहना है, ''मुझे नहीं पता सौरभ कहां है. याचिकाकर्ता की मां के कहने पर ग्वालियर से भोपाल आया हूं. हमें डर है कि कहीं सौरभ का एनकाउंटर न हो जाए.'
दरअसल, गिरफ्तारी से बचने के लिए सौरभ की ओर से पिटीशन भोपाल कोर्ट में लगाई गई है. उधर, सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका है. लोकायुक्त पुलिस को उसकी सरगर्मी से तलाश है.
दरअसल, लोकायुक्त के छापे के बाद से आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा फरार है और उसकी लोकेशन अब तक ट्रेस नहीं हो पाई है. ऐसे में यदि सौरभ शर्मा देश में ही कहीं है तो लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद सौरभ देश छोड़ कर नहीं जा सकेगा.
बता दें कि लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) तब जारी किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के बारे में पता चलता है कि वह जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है या उसे देश छोड़ने से रोकना ज़रूरी है.
7.98 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली
लोकायुक्त पुलिस के छापे में पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के पास 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली है, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी शामिल है. लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े कई परिसर से ये संपत्तियां बरामद करने के बाद इन्हें जब्त कर लिया है.
भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 और 19 दिसंबर को शर्मा के आवास और कार्यालय की तलाशी ली थी.
लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी चिकित्सक थे और उनकी 2015 में मृत्यु हो गई थी.
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद सौरभ शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली और उसने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
उन्होंने कहा कि शर्मा ने भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का इस्तेमाल भारी संपत्ति अर्जित करने में किया, जिसमें अपनी मां, पत्नी, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल स्थापित करना शामिल है.
आयकर विभाग ने शर्मा के सहयोगियों गौड़ से नकदी और सोना भी जब्त किया है. प्रसाद ने बताया कि तलाशी के दौरान मिले बैंक विवरण और जमीन के दस्तावेजों की जांच की जा रही है.