
प्रयागराज से लौटते वक्त द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद जी महाराज थोड़े समय के लिए कटनी पहुंचे. यहां उन्होंने बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया. द्वारिका पीट के शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने कहा कि जो लोग बागेश्वर धाम पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वो कभी बागेश्वर धाम गए हैं.
बागेश्वर धाम में क्या आए हुए लोगों का भला करने के लिए कोई दक्षिणा ली है या कोई एग्रीमेंट किया है? जब ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है, तो ये अंधविश्वास कहां से है. ये तो लोगों की उन पर श्रद्धा है. अगर कोई किसी हनुमान जी का, दुर्गा जी का, किसी भी शक्ति का आश्रय लेकर ठीक कर देता है, तो ये कैसा अंधविश्वास है. ये कौन सी ठगी कहलाई?
आरोप लगाना सरल है, सिद्ध करना कठिन
हजारों लोगों के सामने सब को बागेश्वर धाम से लाभ हो रहा है. वहां आने वाले संतुष्ट हो कर जा रहे हैं, जिनको प्रमाण चाहिए वो खुद ही जिज्ञासु बनकर पहुंच जाएं. आरोप लगाना बहुत सरल है, लेकिन उसे सिद्ध करना कठिन है. जो लोग प्रश्न उठा रहे हैं, वो सब हिंदू सनातन धर्म के विरोधी हैं.
निंदा करने वाले लोग हैं नास्तिक हिंदू
बागेश्वर धाम के महाराज का कहना है कि वो खुद कुछ नहीं करते, हनुमान जी की कृपा से सब लोगों का भला होता है. उन्होंने कहा कि प्रश्न उठाने वाले लोग क्या हनुमान जी को जेल भेजेंगे? हिंदू ही हिंदू धर्म की निंदा करते है. क्या कभी मुस्लमान या ईसाई को अपने धर्म की निंदा करते देखा है. जो लोग ऐसा कर रहे है वो नास्तिक हिंदू हैं.
बागेश्वर धाम विवाद में अब महाराष्ट्र के साधुओं की एंट्री
बागेश्वर धाम विवाद में अब महाराष्ट्र के साधुओं की एंट्री हो गई है. पीठाधीश अनिकेत देशपांडे शास्त्री महाराज ने 51 लाख का इनाम देने की घोषणा की है. सभी आखाड़ों की तरफ से अगर किसी अन्य धर्म, मजहब, पंथ, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध धर्म के द्वारा कैंसर, टीबी, किडनी की बीमारी एड्स जैसे गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने के दावे के खिलाफ कोई विरोध करता है, तो 51 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा. नासिक के साधु, संत और अखाड़ों की मांग है अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून को खत्म किया जाए.
(इनपुट- अमर ताम्रकर)