
मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में बीते दो माह के अंदर तीन चीतों और तीन शावकों की मौत के बाद पार्क से लगे गांवों में मायूसी छाई हुई है. यही वजह है कि ग्रामीणों ने अब पार्क में बचे सभी 17 चीतों और गंभीर रूप से बीमार चल रहे एक शावक की सलामती के लिए पूजा-पाठ और प्रार्थना शुरू कर दी है.
दरअसल, चीता प्रोजेक्ट से क्षेत्र विकास की उम्मीद लगाए ग्रामीण चीतों की सिलसिले वार हो रही मौतों से खासे चिंतित हैं. वे और चीतों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, कराहल तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में चीतों की सुरक्षा और गंभीर रूप से बीमार चल रहे नन्हे शावक की सेहत में जल्द सुधार की कामना को लेकर पिछले दो दिनों से हवन और महामृत्युंजय मंत्र का जाप, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है. ग्रामीणों के साथ चीता मित्र भी पूजा पाठ में शामिल हैं.
स्थानीय लोक कलाकार एवं चीता मित्र गिर्राज पालीवाल का कहना है कि मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में ग्रामीण एकत्रित होकर अपनी-अपनी श्रद्धानुसार, हवन और पूजा अर्चना कर रहे हैं. एक के बाद एक लगातार तीन चीतों और मादा चीता ज्वाला के तीन शावकों की मौत के बाद सभी लोग दुखी हैं. पार्क में बाकी बचे सभी चीते स्वस्थ्य और सुरक्षित रहें और बीमार शावक भी जल्द ठीक हो जाए, इसके लिए पूजा की जा रही है.
17 सितंबर को लाए गए थे 8 चीते
बता दें कि 17 सितम्बर 2022 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने कूनो पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीते आए जिनमें 5 मादा और 3 नर थे. सभी को बाडो में रिलीज कर चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. वहीं, 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से 12 नए चीतों की दूसरी खेप लाई गई थी. जिनमें 7 नर और 5 मादा चीता शामिल थे.
प्रोजेक्ट चरण बद्ध तरीके से चल रहा था कि इसी साल 26 मार्च को पहली नामीबियाई मादा चीता साशा की किडनी संक्रमण से मौत हो गई.
फिर 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीकी चीता उदय ने कार्डियोफिल्नोरिया से दम तोड़ दिया. इसके बाद 09 मई को साउथ अफ्रीकी मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान हिंसक झड़प से मौत हो गई थी. फिर इस माह 23 मई को नामीबिया चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावकों में से पहले शावक की कमजोरी एवं बीमारी से मौत हो गई.
इसके बाद 25 मई को नामीबिया चीता सियाया (ज्वाला) के शेष 3 में से दो शावकों की डिहाड्रेशन से मौत हो गई. वही एक शावक की हालत अभी स्थिर बनी हुई है, जिसका उपचार चल रहा है.