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'राजतिलक होते-होते कई बार वनवास भी हो जाता है...', शिवराज सिंह चौहान का छलका दर्द, बंगले का नाम रखा- 'मामा का घर'

Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा में बने हुए हैं. प्रदेश की सत्ता से बाहर जाने के बाद शिवराज का दर्द बाकी है. उन्हें लगता है कि राजपथ के बजाए वनवास के रास्ते पर चलना पड़ा है, लेकिन उद्देश्य बहुत बड़ा है.  

शिवराज सिंह चौहान के भाषण में छलका CM न बन पाने का दर्द. शिवराज सिंह चौहान के भाषण में छलका CM न बन पाने का दर्द.
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल ,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा में बने हुए हैं. प्रदेश की सत्ता से बाहर जाने के बाद शिवराज का दर्द बाकी है. उन्हें लगता है कि राजपथ के बजाए वनवास के रास्ते पर चलना पड़ा है, लेकिन उद्देश्य बहुत बड़ा है.  

अपने गृह क्षेत्र बुधनी में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री न बन पाने को लेकर कहा, कोई बड़ा उद्देश्य होगा.  कई बार राजतिलक होते होते वनवास भी हो जाता है. ऐसा किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही होता है. लेकिन चिंता मत करना. मेरी जिंदगी बहनों, बेटियों और जनता जनार्दन के लिए है. इस धरती पर तुम्हारी जिंदगी से दुख दर्द करने आया हूं. आंखों में आंसू नहीं रहने दूंगा. दिन और रात काम करूंगा. और अब अपना पता है B-8, 74 बंगला. उसका मैंने रख दिया है- 'मामा का घर.' देखें Video:-

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दरअसल, श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास छोड़कर शिवराज सिंह चौहान अब भोपाल के ही लिंक रोड-1 स्थित B-8, 74 बंगला में शिफ्ट हो चुके हैं. अब अपने नए आवास का नाम शिवराज ने 'मामा का घर' रख दिया है. पता हो कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बहनों के भइया और भांजे-भांजियों के मामा के नाम से लोकप्रिय हैं. 

बता दें कि अपना बंगला खाली करने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ''मैंने यहां अपने लोगों और राज्य के कल्याण के लिए बहुत सारे फैसले लिए हैं. नए मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी टीम को शुभकामनाएं देता हूं कि राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं. मैं उन लोगों की ढेर सारी यादों और प्यार के साथ खुश होकर वापस जा रहा हूं, जिन्होंने सीएम के रूप में मेरी यात्रा पूरी करने में मदद की.''

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पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से X पर लिखा गया, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों नमस्कार, मैं आज मुख्यमंत्री निवास से विदा ले रहा हूं, यह निवास के साथ-साथ मेरी कर्मस्थली भी रहा है. आज पता बदल रहा है, लेकिन आपके भैया, आपके मामा के दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले रहेंगे.

जनसेवा का यह संकल्प मेरे नये पते B-8, 74 बंगले से भी जारी रहेगा. जब भी आपको अपने भैया, अपने मामा की सहायता की जरूरत हो, आप बेहिचक घर पधारिये. मैं आपकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा, यह मैं आपको वचन देता हूं.''  

साल 2005 में सांसद रहते शिवराज सिंह चौहान को 74 बंगला स्थित बी-8 बंगला आवंटित हुआ था. मुख्यमंत्री बनने पर वह परिवार समेत श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस में शिफ्ट हो गए. 2018 तक रहे, लेकिन कमलनाथ सरकार बनने पर वह अपने इसी बी-8 बंगले में आ गए थे. 2020 में फिर मुख्यमंत्री बनने पर CM हाउस में रहने चले गए थे. 

'जो भी काम दिया जाएगा, मैं वो करूंगा...'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. चुनाव जीतने के बाद पहली बार नई दिल्ली पहुंचे शिवराज ने पार्टी अध्यक्ष से मिलने के बाद कहा था, आज अच्छी मीटिंग हुई. अब अगले काम की बात की है. जो भी अध्यक्ष जी बोलेंगे, वैसा ही होगा. जो भी मुझे काम दिया जाएगा, मैं वो काम करूंगा. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में, पार्टी मेरे लिए जो भी भूमिका तय करेगी, मैं उसे निभाऊंगा. पार्टी जो भी तय करेगी- मैं करूंगा. राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी रहूंगा.  

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मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी सीट से विधायक शिवराज मध्य मध्य प्रदेश के 4 बार के मुख्यमंत्री और पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं. इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अगर फिर से सरकार बनती है तो शिवराज सिंह चौहान केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं. संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में किसी बड़े राज्य का प्रभारी बनाया जा सकता है. दक्षिण के राज्यों में पार्टी का काम करने की बात कहकर शिवराज ने इस बात के संदेश भी दे दिए हैं. 

बता दें कि साल 2018 में हार के बाद भी शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी दी गई थी. तब उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था और पार्टी के सदस्यता अभियान का दायित्व दिया गया था. 

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