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MP: मऊगंज हिंसा के बाद देर रात एसपी और कलेक्टर को हटाया, अब IAS संजय कुमार जैन और IPS दिलीप सोनी को दी कमान

MP Mauganj Violence: पुलिस अधीक्षक (SP) रसना ठाकुर को हटाकर पुलिस मुख्यालय (PHQ) भोपाल ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को भोपाल में शासन के उपसचिव पद पर पदस्थापना दी गई है.

मऊगंज हिंसा के 4 दिन बाद सरकार का बड़ा एक्शन. (सांकेतिक तस्वीर) मऊगंज हिंसा के 4 दिन बाद सरकार का बड़ा एक्शन. (सांकेतिक तस्वीर)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल ,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में हाल ही में हुई हिंसा और पुलिस टीम पर हमले की घटना के बाद प्रशासन में बड़ा बदलाव किया गया है. देर रात जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक (SP) रसना ठाकुर को हटाकर पुलिस मुख्यालय (PHQ) भोपाल ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को भोपाल में शासन के उपसचिव पद पर पदस्थापना दी गई है. इस घटना ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.

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घटना तीन दिन पहले की है, जब मऊगंज में एक बंधक युवक को छुड़ाने गई पुलिस टीम पर आदिवासियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में सहायक उपनिरीक्षक (ASI) रामचरण गौतम की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.

जांच में यह भी सामने आया कि बंधक बनाए गए युवक को आदिवासियों ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही मार डाला था. इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था और पुलिस-प्रशासन पर स्थिति को नियंत्रित करने में नाकामी के आरोप लगे थे.

हिंसा की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए एसपी रसना ठाकुर को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह आईपीएस दिलीप सोनी को एसपी नियुक्ति किया है. वहीं, कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को भी जिले से हटाकर भोपाल में उपसचिव के पद पर भेजा गया है. उनकी जगह 2015 बैच के IAS संजय कुमार जैन को मऊगंज भेजा गया है.

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प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस तबादले को घटना के प्रति जवाबदेही तय करने और जिले में शांति बहाली के लिए उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है. ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन से जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. 

फिलहाल, जिले में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास जारी हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून व्यवस्था को हर हाल में बनाए रखा जाएगा.

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