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State of the States Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बहुमत के आंकड़े से थोड़ा सा पीछे रह गई कांग्रेस ने सूबे की सत्ता से 15 साल का वनवास समाप्त कर सरकार तो बना ली लेकिन ये सरकार बस 15 महीने ही चल सकी और कुछ विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. साल 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस इसके लिए कितना तैयार है?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंडिया टुडे के स्टेट ऑफ द स्टेट्स में खुलकर अपनी बात रखी. कमलनाथ ने सत्ता को मिस करने के सवाल पर कहा कि सरकार गई तो गई. मुझे सौदा करके पाई गई सत्ता नहीं चाहिए. मैं भी मुख्यमंत्री था, सौदा कर सकता था. विधायकों ने मुझसे भी कहा था कि इतने पैसे मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने बोला मौज करो. मुझे कुर्सी का लालच नहीं है. कल के बाद परसो भी तो आता है.
कमलनाथ ने कहा कि हमारा मुकाबला केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नहीं है. हमारा मुकाबला बीजेपी के संगठन से है. हमें गांव-गांव में संगठन तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि राजनीति काफी बदल गई है. गांव में संगठन होना चाहिए. हम उत्तर प्रदेश में इतने कमजोर इसीलिए है क्योंकि गांव में हमारा संगठन नहीं है. कमलनाथ ने कहा कि लोग कहते हैं कि आधी रात को मेरा बेटा बीमार हो तो क्या मैं कमलनाथ को खोजने जाऊंगा.
15 महीने की सरकार में दिया नीति-नीयत का परिचय
उन्होंने कहा कि आज 95 फीसदी लोग सोशल मीडिया पर हैं. पुलिस प्रशासन और पैसा का बीजेपी इस्तेमाल कर रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ग्वालियर और मुरैना में बड़े नेताओं के होने के बावजूद बीजेपी हारी. आज जनता बदलाव चाहती है. हमने 2018 में भी बीजेपी को हराया और उसके बाद सरकार को हाईजैक कर लिया गया. हमने साढ़े 11 महीने में अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया. जनता गवाह है. उन्होंने कहा कि हमने साढ़े तीन लाख किसानों का कर्ज माफ किया. जो बात थी, उसे किया.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि वे चाहे जितना झूठ बोल लें, हम जो बोल रहे हैं वो विधानसभा के आंकड़े हैं. वे सबसे पहले झूठ बोलना बंद करें. उन्हें किसी नाटक-नौटंकी के चैनल पर जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने लंबे शासनकाल में 20 हजार से अधिक घोषणाएं की हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि घोषणाएं नहीं, आपने डिलीवर क्या किया? सिंधिया को लेकर कमलनाथ ने कहा कि अब वे बीजेपी नेता हैं. बीजेपी नेताओं को जिस तरह देखते हैं, उसी तरह उन्हें भी देखते हैं.
इनवेस्टमेंट विजन से आता है, टेलीविजन से नहीं
उन्होंने धार में डैम तोड़े जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ठेकेदार अपनी पत्नी के जेवर बेचकर तो कंक्रीट के नहीं बनाएगा. कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि इनवेस्टमेंट विजन से आता है, टेलीविजन से नहीं. ये 15 साल से इनवेस्टमेंट समिट करते रहे, कितने निवेश आए. हमने भी एक समिट किया था और देश के तमाम बड़े उद्योगपति उसमें शामिल हुए थे. टीवी के सामने आकर कुछ भी बोलने से कोई निवेश नहीं आएगा.
उन्होंने कहा कि निवेश के लिए विश्वास की जरूरत होती है. जब तक विश्वास नहीं होगा, तब तक कोई निवेश नहीं आने वाला. कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान पहले कहा करते थे किसान का बेटा हूं. बाद में कहने लगे मामा हूं. उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार हुए. अब बुलडोजर चला रहे हैं.
13 महीने बाद कहीं उल्टा न चलने लगे बुलडोजर
उन्होंने कहा कि जितना बुलडोजर चलाना है चला लीजिए. 13 महीने बाद ये बुलडोजर कहीं उल्टा ना चलने लगे. कमलनाथ ने दावा किया कि शहरी विकास मंत्री रहते सबसे ज्यादा पैसा मध्य प्रदेश को दिया. तब शिवराज सिंह चौहान कहा करते थे कि हमारे पास मेट्रो की डीपीआर बनाने के लिए भी पैसे नहीं है. इसमें भी 15 करोड़ लगते थे. हमने दिलवाया. राष्ट्रीय राजनीति और राहुल गांधी के फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर कमलनाथ ने कहा कि उनके पास नए आइडिया हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को लोग कहते हैं कि ये शहरी आदमी हैं. शहरों में केवल 58 लोकसभा सीटें हैं.
कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश में इतनी जातियां हैं, इतनी परंपराएं हैं. संस्कृति हमारी जोड़ने की है. संस्कृति पर जो हमले हो रहे हैं, वे ठीक नहीं हैं. हमें अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखना है. उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश नहीं छोड़ रहा. मैं मध्य प्रदेश में ही रहूंगा. उन्होंने कहा कि आप किसी दूसरे राज्य से मध्य प्रदेश की तुलना नहीं कर सकते. हर राज्य की अपनी पहचान है.
फिर से खड़ा होने के लिए कांग्रेस को क्या करना होगा
कांग्रेस, को फिर से खड़ा होने के लिए क्या करना होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बड़ी चुनौती है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में संगठन नहीं है. हमें पार्टी को लेकर गांव स्तर तक, बूथ स्तर तक ले जाना होगा. सही व्यक्ति का चुनाव करना होगा. उनके पास कमिटेड संगठन है, इसमें कोई शक नहीं. कमलनाथ ने कहा कि हमारा संगठन जब बनेगा, वो भी उनसे कम नहीं रहेगा. विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि मेरे पास प्रदेश अध्यक्ष का पद है. हमें शिवराज सिंह चौहान को सुनने विधानसभा नहीं जाना. हमने जिसे कहा था, उसे ही विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया.
अक्टूबर 2023 तक मेरे पास समय नहीं
कमलनाथ ने कहा कि अक्टूबर 2023 तक मेरे पास समय नहीं है. मुझे अन्य चीजों में ना उलझाएं. क्या शिवराज ही बीजेपी का चेहरा होंगे, इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ये उनका मामला है. वे जानें किसे रखेंगे किसे नहीं. उनके पेट में इसे लेकर दर्द होता है, मेरे नहीं. शिवराज सिंह चौहान की ओर से जीडीपी के आंकड़े गिनाए जाने पर तंज करते हुए कमलनाथ ने कहा कि गांव में जिसकी किराने की दुकान है, जीडीपी का उस पर प्रभाव नहीं होता. आर्थिक गतिविधियां बताती हैं कि अर्थव्यवस्था कहां हैं.
उन्होंने बीजेपी के दावे को काउंटर करने के कांग्रेस के प्लान को लेकर कहा कि बेरोजगारी बढ़ी है. मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 70 फीसदी कृषि पर निर्भर है. भोपाल और इंदौर के बाजार में किसान आते हैं खरीदारी करने, दिल्ली के लोग नहीं. कमलनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि जनता उनको प्यार करती थी, क्या नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा कहा जा सकता है? नीतीश कुमार के पाला बदलने को लेकर उन्होंने कहा कि जनता का मिजाज भी ऐसा ही है. इसे अवसरवाद नहीं कह सकते.
दिल्ली में सीमित हैं अरविंद केजरीवाल
कमलनाथ ने अरविंद केजरीवाल की ओर से एकजुट विपक्ष की वकालत किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि वे बस दिल्ली तक सीमित हैं. पंजाब में कांग्रेस ने उनको सरकार गिफ्ट किया. उन्होंने कहा कि देश में साढ़े चार लाख गांव हैं और इन गांवों में तीन चीजें कॉमन हैं. एक झंखाड़, दूसरा मंदिर और तीसरा कांग्रेस का एक कार्यकर्ता. कमलनाथ ने 2023 के चुनाव को लेकर कहा कि मीडिया से भी ज्यादा नहीं मिल पाया. मुझे पूरा सिस्टम चेंज करना था. मैं किसी जल्दी में नहीं था. डिलीवरी सिस्टम ठीक करना था कि ये ठीक हो जाए.
सत्ता में आए तो क्या है विजन
कमलनाथ ने सत्ता में आने पर अपना विजन बताते हुए कहा कि बेरोजगारी बड़ी चुनौती होगी. मध्य प्रदेश में इंडस्ट्रीज आएं. बीज और खाद के लिए किसानों को कितना भटकना पड़ा. खाद-बीज की यहां कमी नहीं है, डिलीवरी मैकेनिज्म की खामी है. उन्होंने 2023 के चुनाव को लेकर 20 साल बनाम 15 महीने का नारा दिया और कहा कि बीजेपी ने पिछली बार दो सौ पार का नारा दिया था. शिवराज से पूछ लेंगे तो 230 विधानसभा सीटें हैं लेकिन वे कह देंगे कि 250 पार. मैं शिवराज नहीं हूं.