
मध्य प्रदेश के उज्जैन में हाल ही में दो पक्ष सरदार पटेल और अंबेडकर की मूर्ति को लेकर भिड़ गए थे. लेकिन अब दोनों पक्षों में समझौता हो गया है. दोनों समूहों ने आपसी सहमति से दोनों प्रतिमाएं एक ही स्थान पर स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है.
पुलिस के अनुसार गुरुवार सुबह उज्जैन के मकडौन में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सरदार पटेल की मूर्ति गिराए जाने के बाद 2 समुदायों के सदस्य आपस में भिड़ गए थे और एक-दूसरे पर पत्थर फेंके थे. रविवार को उज्जैन में जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा की मौजूदगी में दोनों समुदायों के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दोनों पक्षों ने फैसला लिया कि माकडौन बस स्टैंड पर सरदार पटेल और बीआर अंबेडकर की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. एसपी शर्मा ने दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से कहा कि वैमनस्य पैदा करने के लिए जिम्मेदार लोगों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे मामलों में पुलिस का सहयोग करें.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि पुलिस ने 25 जनवरी की झड़प के सिलसिले में शनिवार तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर दंगा करने और एक लोक सेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए आपराधिक बल का उपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
पुलिस ने कहा था कि घटना का एक वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें कुछ लोग ट्रैक्टर से पटेल की मूर्ति गिरा रहे थे. क्योंकि वे उस स्थान पर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करना चाहते थे. बुधवार देर रात मकडौन बस स्टैंड के पास पटेल की प्रतिमा स्थापित की गई, जिसके बाद झड़प हुई.
मूर्ति स्थापना को लेकर हुए इस विवाद के बाद मौके पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया था और घोर लापरवाही के चलते माकड़ोन थाना प्रभारी भीम सिंह देवड़ा को निलंबित भी किया था.