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MP: ग्वालियर में आवारा कुत्तों ने एक ही दिन में 548 लोगों को बनाया शिकार, निगम आयुक्त बोले- काबू में करने के लिए टेंडर निकाले हैं

Dog Bite Cases: कई बार शिकायत करने के बावजूद भी शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों को नगर निगम के अमले द्वारा पकड़ने का काम नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. राजधानी भोपाल में भी पिछले दो सप्ताह के अंदर ही दो मासूम बच्चों की जान कुत्तों के काटने की वजह से चली गई है.

अस्पताल में टीके लगवाता डॉग बाइट का शिकार. अस्पताल में टीके लगवाता डॉग बाइट का शिकार.
हेमंत शर्मा
  • ग्वालियर ,
  • 24 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दो सप्ताह में कुत्ते के काटने से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. इस खबर ने ग्वालियर में भी लोगों की परेशानी इसलिए बढ़ा दी है, क्योंकि ग्वालियर शहर में इन दिनों आवारा कुत्ते लगातार शहर के नागरिकों को अपना शिकार बना रहे हैं. मंगलवार के दिन ही शहर में 548 लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया. एक ही दिन में इतने सारे डॉग बाइट के मामले सामने आने से शहर में हड़कंप मच गया है. 

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दरअसल, ग्वालियर शहर में पिछले कुछ समय से लगातार डॉग बाइट के मामलों में इजाफा हो रहा है. रोजाना एक सैकड़ा से अधिक लोग शहर के अंदर डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं, लेकिन यह आंकड़ा उस वक्त रिकॉर्ड तोड़ साबित हो गया जब मंगलवार के दिन ग्वालियर जिले में 548 डॉग बाइट के मामले सामने आए. 

यह आंकड़े आने वाले उस खतरे के संकेत हैं, जो शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों के वजह से खड़ा हो रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुरार जिला अस्पताल में मंगलवार के दिन 197 डॉग बाइट के केस पहुंचे, वहीं जयारोग्य अस्पताल में 131 डॉग बाइट के मामले सामने आए. 

इधर, हजीरा सिविल अस्पताल में भी 153 डॉग बाइट के मरीज पहुंचे. इसके अलावा डबरा सिविल अस्पताल में 39 डॉग बाइट केस और भितरवार हॉस्पिटल में 28 डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं. खास बात यह है कि यह आंकड़े सिर्फ सरकारी अस्पतालों के हैं, अगर प्राइवेट अस्पतालों का रुख करें तो स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी. 

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ग्वालियर नगर निगम इन आवारा कुत्तों को पकड़ने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहा है. एक तरफ नगर निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ इस दौरान ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है. नगर निगम के वह अमला जो आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम करता है, इन दोनों शहर की सड़कों पर नजर नहीं आ रहा है. 

कई बार शिकायत करने के बावजूद भी शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों को नगर निगम के अमले द्वारा पकड़ने का काम नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. भोपाल में पिछले दो सप्ताह के अंदर ही दो मासूम बच्चों की जान कुत्तों के काटने की वजह से चली गई है. 

इस खबर ने ग्वालियर शहर के लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है. अब देखना यह होगा कि क्या शहर के भोले भाले नागरिक इसी तरह आवारा कुत्तों का शिकार होते रहेंगे या नगर निगम का अमला नींद से जागेगा और इन आवारा कुत्तों को पकड़ने का प्रयास करेगा.

डॉक्टर बोले- काफी चिंता का विषय

डॉग बाइट के मामले में aajtak से फोन पर हुई बातचीत में जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक आरकेएस धाकड़ ने बताया, डॉग बाइट के बहुत हिंसक मामले ग्वालियर में इन दिनों सामने आ रहे हैं. अकेले मंगलवार के दिन ही ग्वालियर शहर में 400 से अधिक मामले आए हैं. जबकि ग्रामीण अंचल में भी डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. यह काफी चिंता का विषय है.

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नए सिरे से टेंडर बुलाए टेंडर: आयुक्त

ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त हर्ष सिंह ने डॉग बाइट के मामले में मीडिया को बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अब नए सिरे से टेंडर बुलाए गए हैं. जल्द ही आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम किया जाएगा और डॉग बाइट के मामलों को काबू में किया जाएगा.

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