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जंगल पर कब्जे को लेकर बाघों के बीच जंग, एक की मौत, कूनो में भी हो चुका है ऐसा हादसा

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आपसी लड़ाई में एक बाघिन की मौत हो गई. मृत बाघिन की उम्र 4 साल है. वन रेंज के अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्यों से आशंका है कि इनकी आपस में लड़ाई हुई जिसमें बाघिन घायल हो गई और फिर उसकी जान चली गई. थोड़े दिनों पहले कूनो में भी ऐसा ही मामला सामने आया था.

ये सांकेतिक तस्वीर है ये सांकेतिक तस्वीर है
aajtak.in
  • बांधवगढ़ ,
  • 28 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 4 साल की एक बाघिन की मौत हो गई. वन विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. बाघिन की मौत को लेकर आशंका जताई जा रही है कि आपसी लड़ाई में बाघिन जख्मी हो गई जिस वजह से उसकी मौत हो गई. इस क्षेत्र के रेंजर मुकेश अहिरवार ने बताया कि बाघिन का शव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज के बफर जोन में मिला.

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उन्होंने कहा, 'घटनास्थल की परिस्थिति को देखकर पता चलता है कि बाघिन की मौत दूसरे बाघों से लड़ाई में हुई है. हम खोजी कुत्तों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.'  विसरा को भी जांचने के लिए भेज दिया गया है. अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार शव को दफनाया गया है. 

कूनो में भी हुआ था ऐसा ही हादसा

बता दें कि बीते मई महीने में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में विदेश से लाए गए एक चीते की मौत भी कुछ ऐसे ही हुई थी. अन्य चीतों से लड़ाई में मादा चीता दक्षा ने दम तोड़ दिया था.

अफ्रीका से आई मादा चीता दक्षा का कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर अन्य चीतों से लड़ाई हो गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक नर चीता फिंडा, वायु और अग्नि से मादा चीता दक्षा और धीरा की भिड़ंत हुई थी. इसी में दक्षा की मौत हो गई. दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए ये तीसरे चीते की मौत है. इसकी पुष्टि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने की है.

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कितनी है देश में बाघों की संख्या

बता दें कि बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है, भारत ने ऐसा समय भी देखा है जब देश में बाघों की कुल संख्या घटकर सिर्फ 268 रह गई थी. हालांकि बाघों को बचाने के लिए सरकारों की मेहनत रंग लाई और साल 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 3167 तक पहुंच गई. बाघों की कुल वैश्विक संख्या का 75 फीसदी सिर्फ भारत में है. चार सालों में देश में 200 से ज्यादा बाघ बढ़े हैं.

एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 1973 में देश में 18,278 वर्ग किमी जमीन पर 9 टाइगर रिजर्व थे जिनकी संख्या बढ़कर अब 53 हो गई है. वहीं इन टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 75,796.83 वर्ग किमी तक फैल चुका है. ये देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.3 प्रतिशत है. आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018 में बाघों की संख्या 2967, 2014 में 2226, 2010 में 1706 तो 2006 में 1411 थी. 

 

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