Advertisement

मध्य प्रदेश में ट्रांसजेंडर को मिला सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती का अधिकार

मध्य प्रदेश में अब सरकारी पदों के लिए होने वाली सीधी भर्ती में ट्रांसजेंडर्स को बराबरी का मौका दिया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इस आदेश को लेकर सभी विभागों के एससीएस, पीएस, सेक्रेटरी, विभागों के विभागाध्यक्ष, सभी कलेक्टर और सीईओ को सूचना जारी कर दी गई है.

ट्रांसजेंडर को मिला सीधी भर्ती का अधिकार. (Representational image) ट्रांसजेंडर को मिला सीधी भर्ती का अधिकार. (Representational image)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 25 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी भर्तियों में ट्रांसजेंडर को लेकर बड़ा और अहम फैसला किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि सरकारी भर्तियों में ट्रांसजेंडर को शामिल कर बराबरी का मौका दिया जाएगा. सरकार के इस आदेश के बाद ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरियों में भर्ती होने का मौका मिलेगा.

Advertisement

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव गिरीश शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश उभय लिंगी (अधिकारों का संरक्षण) नियम 2021 के तहत राज्य शासन की सीधी भर्ती के पदों में उभयलिंगी व्यक्ति (ट्रांसजेंडर) को शामिल किया जाएगा.

आदेश में कहा गया कि राज्य शासन द्वारा तय किया गया है कि राज्य शासन के दस्तावेजों में जहां भी जेंडर का उपयोग किया जाना है या किसी जेंडर संबंधी जानकारी ली जानी है, वहां पुरुष/ महिला/उभयलिंगी व्यक्ति ( मेल/ फीमेल/ ट्रांसजेंडर) का उपयोग किया जाए. आदेश जारी होने के बाद अब सीधी भर्ती में ट्रांसजेंडर का विकल्प रखना अनिवार्य होगा.

इस आदेश के बारे में सभी विभागों के एससीएस, पीएस, सेक्रेटरी, विभागों के विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और सीईओ को सूचना दे दी गई है. इससे पहले सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं था.

Advertisement

अभी तक नहीं था सरकारी नौकरियों में भर्ती का अधिकार

अभी तक ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरियों में भर्ती का अधिकार नहीं था, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद अब उन्हें पुरुष और महिला के बाद तीसरे विकल्प के रूप में उभय लिंगी यानी ट्रांसजेंडर के रूप में भर्ती होने का मौका मिलेगा.

प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने वालों में पहली ट्रांसजेंडर संजना सिंह हैं. संजना को सामाजिक न्याय व नि:शक्तजन कल्याण विभाग के डायरेक्टर की निज सचिव नियुक्त किया गया है.

उन्होंने बताया कि 15 साल की उम्र में परिवार छोड़कर ट्रांसजेंडर कम्युनिटी ज्वाइन की, लेकिन अब समाज में मुझे मेरी जगह मिल गई है. आज सफल हूं तो परिवार और समाज सभी साथ हो गए. 36 वर्षीय संजना साल 2008 से एनजीओ से जुड़कर समाजसेवा करने लगीं थीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement